सीकर. शेखावाटी के जवान सेना के लिए जाने जाते है। लेकिन वर्तमान में युवा केवल सिपाही रैंक से सेना और पुलिस में भर्ती नहीं होना चाहते है। वे अब स्कूल व स्नात्तक स्तर पर मिलिट्री साइंस जैसे विषय लेकर उसमें ज्ञान अर्जित कर अधिकारी रैंक से जाने का मन बना रहे है। ऐसे में स्कूल शिक्षा व कॉलेज स्तर पर इन विषयों की मांग शेखावाटी में उठ रही हैं। लेकिन लंबे समय से ना तो स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में यह विषय जोड़ा गया। और ना ही इसे कॉलेज स्तर पर विश्वविद्यालय ने जोडऩे का मन बनाया है। बैचलर्स व मास्टर्स डिग्री में स्कोप कोर्स एवं योग्यता-डिफेंस स्टडी करने के लिए किसी भी विषय से इंटर मीडिएट 50 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना जरूरी है। किसी भी विषय में बारहवीं पास करने वाले स्टूडेंटस रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन में बैचलर्स डिग्री में एडमिशन ले सकते है। ग्रेजुएशन लेवल पर भी डिफेंस कोर्स चलाए जाते है। बैचलर्स के बाद मास्टर्स प्रोग्राम में भी एडमिशन लिया जा सकता है। बारहवीं के बाद रक्षा एंव स्त्रोतेजिक अध्ययन में बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री लेकर भारतीय सेना, वायु सेना, कोस्ट गार्ड और नौ सेना में नौकरी कर सकते है। इसके अलावा रिसर्च और शिक्षण में भी विभिन्न अवसर मौजूद है। इस क्षेत्र में करियर की सारी संभावनाएं है। एक देश से दूसरे देश के साथ वैश्विक मामले संबंध आदि की जानकारी देता है। इस फील्ड में कोर्स करने के बाद आप सोशल-इकोनॉमिक स्पेशलिस्ट, इंटरनेशनल फील्ड में रिसर्चर बन सकते हैं। धौलपुर विश्वविद्यालय में चल रहा कोर्स राजस्थान की मांग एक्सपर्ट रखते हुए प्रथम यहां जरुरत नहीं यहां के लोग मिलिट्री में जाना जाते एनडीए में भी पोस्ट ग्रेज्यूट क्षेत्र- रक्षा अनुसंधान और विश्लेषण, रक्षा नीति बनाने, टैक्निकल सर्विसेज, राष्ट्रीय सुरक्षा योजना एवं क्रियान्वयन और सिविल डिफेंस, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए, सशस्त्र सेना, राष्ट्रीय सुरक्षा संगठन, रक्षा पत्रकारिता, अकादमिक रिसर्च, राजनयिक, विदेश नीति बनाने सोचने वाले टैंकों में शामिल होना, सुरक्षा प्रदाता एजेंसियां, कॉलेज व यूनिवर्सिटी में शिक्षण, सरकार और यूजीसी के लिए पुस्तक लेखन व प्रकाशन।खुलते नौकरी के विकल्प संबंधित कोर्स करने के बाद नौकरी के लिए तमाम विकल्प सामने आ जाते है। डिफेंस व स्ट्रैटेजिक स्टडीज को मिलिट्री/डिफेंस स्टेडीज के नाम से भी जाना जाता है। सैन्य विज्ञान आंतरिक व बाह्य सुरक्षा समस्याओं के कारण, प्रभाव एवं उपाय पर विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। जिसके वर्तमान में अध्ययन की सबसे अधिक आवश्यकता है। प्रसिद्ध सैन्य विचारक लिडिल हार्ट ने कहा है कि यदि शांति चाहते हो तो युद्ध को समझो। विश्व में युद्ध के रोकथाम के लिए सबसे आवश्यक है। युद्ध के कारण, प्रभाव एवं परिणाम पर गहन चिंतन मनन एवं चर्चा करने की जरूरत है। इस विषय के अध्ययन से विश्व विनाश को रोकने में भी सक्रिय सहयोग मिलता है।
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