Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home/wpexgrjf/aajkalrajasthan.com/wp-includes/class-requests.php on line 24
नवाचारी महिला किसान देश के हलधरों को दिखा रही नई राहें… | Aajkal Rajasthan ga('create', "UA-121947415-2", { 'cookieDomain': 'aajkalrajasthan.com','allowLinker': true } ); ga('linker:autoLink', ['aajkalrajasthan.com/amp']);
Categories: Sikar news

नवाचारी महिला किसान देश के हलधरों को दिखा रही नई राहें…

सीकर. खेत खलियानों को कभी पुरुष प्रधान श्रम समझा जाता था…लेकिन सीकर की महिला किसानों ने अपने संघर्ष से इस क्षेत्र में भी दबदबा बना लिया। कृषि के जिन क्षेत्रों में पुरूषों ने कब्जा किया हुआ था वहां घूंघट तक सिमटी रहने वाली महिलाओं ने आकर एक मुकाम बनाया है जहां तक पहुंच पाना किसी पुरुष के लिए आसान नहीं है। ये महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाने के बजाय वे उन्हें काफी पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गई हैं और अपनी मेहनत के बूते नित नए कामयाबी के झंडे गाड़ रही है। सीकर की जिले की प्रगतिशील महिला किसानों ने बताया कि किसान का मतलब नहीं है धोती पहनने और हल चलाने वाला व्यक्ति। मौजूदा दौर में बाजार के रूख को देखते हुए खेती में बदलाव अपनाने वाला ही कामयाब किसान है। यह संघर्ष की कहानी है महिला किसान संतोष की जो खेती में नवाचारों के कारण देशभर में चर्चित है। सीकर जिले के झीगर छोटी गांव की संतोष आठवीं तक पढ़ी हैं। संतोष ने गाजर की खेती में नवाचार कर देशभर में नाम कमाया है। संतोष को गाजर में नवाचार पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सम्मानित भी किया था। इसके अलावा इन्हें खेती में नवाचार पर राज्य स्तर पर जैविक खेती व हलधर पुरस्कार भी मिला है। संतोष ने गांव में देसी तकनीक से गोबर गैस प्लांट लगाया है। गोबर गैस प्लांट से पहले खुद की रसोई व बाद में ग्रामीणों की रसोई तक गैस पहुंचाई। इस तरह गोबर गैस से 20 घर रोशन हो रहे हैं। संतोष पचार हर दिन महिलाओं के बीच जाती है। उन्हें खेती में नवाचार के बारे में समझाती है।
ये किया गाजर में नवाचार
प्रगतिशील महिला किसान ने गाजर में नवाचार कर सबको हैरत में डाल दिया। उसने काली व लाल गाजर का रंग अंदर से बदल कर उसमें मिठास को तो बढ़ाया ही है साथ ही उत्पादन में भी डेढ़ से दो गुना तक का फायदा हुआ है। इसके लिए उसने शहद व देशी घी को प्रयोग में लिया है। दोनों से बीज का नया परागण तैयार कर बुआई की और 75 दिनों में डेढ़ से ढ़ाई फीट लंबी गाजर पककर तैयार हो गई। उसने बताया कि एक किलो गाजर के बीज में 15 एलएल शहद व पांच एमएल घी को मिलाकर छाया में सुखा दिया था। इनकी बिजाई कर दी। बीज अंकुरित भी जल्दी हो गए और खराबा भी ज्यादा नहीं हुआ। जब पकी हुई गाजर को काट कर देखा तो अंदर सफेद की जगह रंग पीला हो गया था। मिठास भी पांच फीसदी तक ज्यादा बढ़ गई।

Aajkal Rajasthan

Share
Published by
Aajkal Rajasthan

Recent Posts

शादी से एक दिन पहले पानी के टैंकर को लेकर हुई चाकूबाजी में दुल्हा गंभीर घायल

श्रीमाधोपुर/सीकर. राजस्थान के सीकर जिला के श्रीमाधोपुर इलाके के नांगल भीम गांव में पानी के…

2 years ago

अब बेरोजगारों को हर महीने भत्ते के मिलेंगे चार हजार

  सीकर.प्रदेश के बेरोजगारों के लिए राहतभरी खबर है। अगले साल से बेरोजगारों को अब…

2 years ago

रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह का यूपी सरकार पर तंज

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) एक के बाद एक कई सवालों के घेरे…

2 years ago

कोरोना: तीसरी लहर संभावित, तैयारियां अधरझूल !

सीकर. कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन आने के बाद केन्द्र के साथ ही प्रदेश सरकार…

2 years ago

रीट आंसर की में बदलाव: बदलेगा मेरिट का गणित, किसी के धकधक, कई दौड़ में शामिल

सीकर. 36 दिन में रीट का परिणाम जारी कर अपनी पीठ थपथपाने वाले राजस्थान माध्यमिक…

2 years ago

बैंक में दूसरे का पट्टा रखकर उठाया 40 लाख का लोन, चीफ मैनेजर सहित दो को पांच वर्ष की सजा

सीकर. फर्जीवाड़े के लिए लोग कुछ भी कर सकते हैं। सहयोग के नाम पर कर्ज…

2 years ago