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देशभर के विद्यार्थियों के साथ यह कैसा मजाक

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सीकर.भारतीय पुनर्वास परिषद की व्यवस्था पिछले दो साल से मजाक बनी हुई है। परिषद की ओर से 26 अगस्त को विशेष शिक्षा के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई। लेकिन दो सितम्बर को परिषद को गाइडलाइन की गलती व पोर्टल की तकनीकी खामी का अहसास हुआ तो प्रवेश नीति को वापस ले लिया। इससे देशभर के पांच लाख से अधिक विद्यार्थियों की मुसीबत बढ़ गई है। अब विद्यार्थियों को नई प्रवेश नीति का इंतजार है। दरअसल, विशेष शिक्षा के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहले अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा होती थी। लेकिन कोरोना की वजह से दो साल से कक्षा बारहवीं के अंकों के आधार पर प्रवेश दिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रवेश प्रक्रिया में लगातार देरी होने की वजह से कई विद्यार्थियों की ओर से बीएसटीसी सामान्य शिक्षा सहित अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने की तैयारी कर ली है।तीन दिन पोर्टल भी रहा बंदपरिषद ने 31 अगस्त से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करने का दावा किया। लेकिन दो अगस्त तक पोर्टल नहीं चला। इससे परेशान विद्यार्थियों ने परिषद कार्यालय में फोन पर शिकायत दर्ज कराई। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दो अगस्त को परिषद ने पोर्टल पर आदेश जारी कर कहा कि तकनीकी कारणों से आवेदन प्रक्रिया की नई तिथि जल्द घोषित की जाएगी।इधर, विद्यार्थी लगा रहे ई-मित्र के चक्करप्रदेश के हजारों विद्यार्थियों व ई-मित्र सेंटर संचालकों को अभी तक परिषद के नए आदेश के बारे में जानकारी नहीं है। ऐसे में वह लगातार ई-मित्र सेंटरों के आवेदन के लिए चक्कर लगा रहे हैं। परेशान विद्यार्थी विशेष शिक्षा महाविद्यालयों में भी सम्पर्क कर रहे हैं। यहां भी उनको आरसीआई के नए फरमान के इंतजार के बारे में कहा जा रहा है।तो दिसम्बर तक नहीं शुरू हो सकेगा सत्रपरिषद के पुराने कलैण्उर के हिसाब से अक्टूबर महीने में प्रवेश प्रक्रिया जारी रहनी थी। लेकिन अब आवेदन प्रक्रिया में ही देरी हो गई है। ऐसे में दिसम्बर तक शैक्षिक सत्र शुरू होने की आस नजर नहीं आ रही है।फिर कैसे प्रोत्साहित होंगे विशेष शिक्षा के विद्यार्थीसामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से देशभर में विशेष शिक्षक तैयार करने के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद का गठन किया गया। लेकिन प्रवेश परीक्षा में लगातार खामी आने से युवाओं का मोहभंग भी हो रहा है। युवाओं का कहना है कि कोरोनाकाल में सभी संस्थाओं की ओर से नवाचार किए गए। यदि परिषद भी नई राहें तलाशती तो अब तक प्रवेश प्रकिया पूरी भी हो सकती थी।और ऐसे समझें विद्यार्थियों के दर्द
केस एक: विशेष शिक्षा के फेर में कौर करेगा एक साल खराबसीकर निवासी नवीन कुमार ने बताया कि बीएसटीसी की प्रवेश परीक्षा हो चुकी है। यदि विशेष शिक्षा की आवेदन प्रक्रिया देरी से शुरू होगी तो कट ऑफ भी देरी से जारी होगी। ऐसे में यदि विशेष शिक्षा की कट ऑफ ज्यादा रहती है और प्रवेश से वंचित रहा तो पूरा साल खराब हो जाएगा। इसलिए अब तय किया है कि जिसका पहले परिणाम आएगा उसी पाठ्यक्रम में प्रवेश लूंगा।केस दो: दसवीं व ग्यारवीं के अंकों के आधार पर दाखिला क्यों नहींजयपुर निवासी सुनील कुमार ने बताया कि इस साल बारहवीं के सभी विद्यार्थी प्रमोट हुए है। ऐसे में परिषद दसवीं व ग्यारवीं के अंकों के आधार पर मई-जून महीने में प्रवेश प्रक्रिया आसानी से पूरी कर सकती थी। प्रवेश प्रक्रिया में देरी होने की वजह से अब सैकड़ों विद्यार्थी कॉलेज में दाखिला ले चुके हैं।

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