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VIDEO: खदान में डूबे सगे भाई: 25 फीट गहराई में 17 घंटे बाद मिला छोटे भाई का शव

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सीकर/दांतारामगढ़. राजस्थान के सीकर जिले के दांतारामगढ़ कस्बे के बुवाणा गांव में गुरुवार शाम को सेल्फी लेते समय डूबे नेपाल निवासी दो सगे भाइयों में से दूसरे भाई रमु भुल का शव शुक्रवार को करीब 17 घंटे बाद मिला। सिविल डिफेंस की टीम ने सुबह साढ़े दस बजे शव को ढूंढ निकाला। जो पानी में करीब 25 फीट की गहराई पर था। इससे पहले रात साढ़े दस बजे रुका सिविल डिफेंस का अभियान शुक्रवार सुबह सात बजे शुरू हुआ। जिसमें गोताखोर के लिए करीब 30 फीट गहराई में जाकर शव ढूंढने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता हुई। जो सीकर से मंगवाया गया। इसके बाद सिविल डिफेंस टीम के गोताखोर रामस्वरूप रणवां ने करीब 15 मिनट बाद ही शव को ढूंढ निकाला। जिसे पोस्टमार्टम के लिए दांतारामगढ़ सीएचसी की मोर्चरी में भेज दिया गया।
11 सदस्यीय टीम ने चलाया ऑपरेशनसिविल डिफेंस टीम का अभियान डिप्टी कंट्रोलर मदन कुड़ी की अगुआई में 11 सदस्यीय टीम ने संचालित किया। जिसमें दोनों भाइयों के शव निकालने में टीम के सदस्य कैलाश चंद मीणा व रामस्वरूप रणवां की अहम भूमिका रही। कैलाश चंद ने गुरुवार रात को नरेश बहादुर का शव पानी में से ढूंढ निकाला था। जबकि गोताखोर रामस्वरुप रणवां ने शुक्रवार को पानी की गहराई में जाकर रमु का शव निकाल ऑपरेशन को अंजाम दिया।
सेल्फी ले रहे थे तीन भाई, दो डूबेगौरतलब है कि मृतक नेपाल के डोटी जिला निवासी 19 वर्षीय नरेश बहादुर भुल व 18 वर्षीय रमु भुल पुत्र सर्पे भुल चचेरे भाई बम बहादुर के साथ शाम को खदान में घूमने के लिए गए थे। यहां तीनों खदान में भरे पानी के पास पत्थर पर खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे। इसी दौरान पैर फिसलने से नरेश बहादुर पानी में गिर गया। जिसे बचाने के फेर में छोटा भाई रमु भी डूब गया। दोनों को डूबते देख एकबारगी तो बम बहादुर ने भी उन्हें बचाने के लिए आगे कदम बढ़ाया। लेकिन तैरना नहीं आने व पानी की गहराई को भांपकर उसने पैर वापस खींच लिए। इसके बाद उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। जिसे सुन नजदीकी लोग दौड़कर वहां आए। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर दोनों की तलाश शुरू की। सूचना पर एसडीएम अशोक रणवां व थानाधिकारी हिम्मत सिंह के साथ सिविल डिफेंस की टीम भी पहुंची। करीब साढ़े सात बजे बचाव अभियान शुरू हुआ। जिसके बाद पौन घंटे की मशक्कत के बाद नरेश बहादुर का शव निकाल लिया गया। लेकिन, देर रात तक रमु का शव नहीं मिलने पर अभियान रोक दिया गया। जो शुक्रवार सुबह फिर शुरू हुआ। बकौल बम बहादुर तीनों भाइयों को ही तैरना नहीं आता था।
क्रेशर पर बनाते थे खानाजानकारी के अनुसार मृतक नरेश बहादुर व रमु चचेरे भाई के साथ गांव के ही एक क्रेशर पर काम करते थे। जो क्रेशर के कर्मचारियों के लिए खाना बनाते थे। तीनों अक्सर साथ घूमने निकलते थे। गुरुवार शाम को भी घूमने के इरादे से ही साथ खदान में आए थे। जिनमें से दो भाइयों को पानी ने लील लिया।

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