सीकर. दशहरे का पर्व गुरुवार को आस्था व उल्लास से मनाया गया। शहर के रामलीला मैदान में इस दौरान रावण दहन व राम राज्याभिषेक कार्यक्रम का मंचन हुआ। जिसमें पहले भगवान राम ने अग्नि बाण चलाकर रावण दहन किया। इसके बाद रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज व लोहागर्ल पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज के सानिध्य में राम राज्याभिषेक का आयोजन हुआ। जिसमें भगवान राम का तिलकार्चन कर राज्य सौंपा गया। कार्यक्रम में काफी संख्या में शहर के लोग मौजूद रहे। जिन्होंने रावण दहन के दौरान जमकर हुटिंग भी की। गौरतलब है कि कोविड गाइडलाइन की वजह से रामलीला मैदान में इस बार रामलीला का आयोजन नहीं किया गया था। दहन के लिए रावण का पुतला भी करीब 12 फीट का ही बनाया गया। इस दौरान पूर्व विधायक रतन जलधारी, राजकुमारी शर्मा, जिला उप प्रमुख ताराचंद धायल व सांस्कृतिक मंडल के पदाधिकारी मौजूद रहे।
गुहाला में जला 30 फीट का रावणचला- गुहाला में आदर्श रामलीला मंडल के तत्वावधान में शुक्रवार को दशहरे पर काटली नदी में 30 फीट के रावण का दहन कर बुराइयों को त्यागने का संकल्प लिया गया। इससे पहले भगवान राम व लक्ष्मण की शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें काफी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
खंडेला में 16 फीट ऊंचे रावण का किया दहन
खंडेला. बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा कस्बे में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राउमावि के खेल मैदान में 16 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया। इससे पूर्व कस्बे में स्थित रावत धर्मशाला में सीता हरण का मंचन किया गया और उसके बाद राम दरबार की झांकी निकाली गई। जो कि कस्बे के मुख्य मार्गों से होती हुई रावण दहन स्थल धीरजगढ़ स्थित बणी मैदान पहुंची। जहां पर राम रावण युद्ध के मंचन के बाद रावण दहन हुआ। इसके बाद कस्बे के चौपड़ बाजार में भरत मिलाप के बाद पंचायत समिति प्रधान डॉ. गिरिराज सिंह ने भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ। कोटड़ी लुहारवास सहित आस पास के गांवों में रावण दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व मनाया गया। इस दौरान विजय अग्रवाल, घनश्याम चौधरी, शिवदयाल तिवाड़ी, अरविन्द रोयल वाले, बाबूलाल अलिया, सतीश पंसारी सहित सैकड़ो ग्रामीण मौजूद रहे।
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