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अंदर चलते रहे वैदिक मंत्र, बाहर लगे विरोध के नारे

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सीकर. सांसद सुमेधानंद सरस्वती के पिपराली स्थित वैदिक आश्रम में आयोजित वृष्टि एवं राष्ट्र समृद्धि यज्ञ की पूर्णाहुति भी रविवार को विरोध प्रदर्शन के बीच हुई। आश्रम में वैदिक मंत्र चलते रहे, तो बाहर किसान विरोध के नारे लगाते रहे। भीतर केसरिया ध्वज लहराते रहे तो कृषि कानूनों व केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने बाहर काले झंडे फहराए। किसान संगठनों ने वाहन रैली निकालकर सांसद व केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। सांसद व सरकार के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए। जिन्हें देख भाजपा कार्यकर्ता भी उनके सामने खड़े होकर पीएम मोदी व सांसद जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। इससे एकबारगी दोनों पक्षों के बीच तनाव का माहौल हो गया। जो करीब दस मिनट तक जारी रहा। बाद में पुलिस ने बीच बचाव कर दोनों पक्षों को अलग किया।
साधु संतों ने कहा सफल रहा यज्ञ, वैदिक मंत्र नहीं होते निष्फलयज्ञ की पूर्णाहुति में देश के कई साधु संत व राजनेताओं ने शिरकत की। जिन्होंने प्रदेश में हुई बरसात को यज्ञ की सफलता का प्रमाण बताया। रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज ने कहा कि वैदिक मंत्र कभी निष्फल नहीं जाते। जिसका परिणाम ही प्रदेश में हुई बरसात है। लोहागर्ल पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य, प्रताप पुरी महाराज व साध्वी पुष्पा ने भी वृष्टि व राष्ट्र समृद्धि यज्ञ को सफल बताते हुए स्वामी सुमेधानंद सरस्वती का आभार जताया। समारोह में साधु संतों का सम्मान भी किया गया।
राजनीतिक चश्मे वालों को दिखती है राजनीति- सांसद
किसान संगठनों के प्रदर्शन को सांसद सुमेधानंद सरस्वती राजनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि तीन महीने के धार्मिक आयोजन में राजनीति से जुड़ी कोई बात नहीं हुई। लेकिन, जैसे हरा चश्मा पहनने पर हरा दिखता है, वैसे ही राजनीति का चश्मा लगाने वालों को राजनीति ही दिखती है। यज्ञ में राजनीतिक हस्तियों केा बुलाने के सवाल पर उनका कहना था कि राजनीति में आने पर व्यक्ति राक्षस नहीं होता। कोई राजनेता धार्मिक है तो वह यज्ञ में आ सकता है। सांसद सुमेधानंद ने बताया कि यज्ञ देश में अच्छी बरसात व खुशहाली के लिए किया गया था। जिसमें 9 क्विंटल घी से आहुतियां दी गई। जबकि 15 क्विंटल सामग्री का उपयोग हुआ।
विवादों के बीच रुका राज्यपाल का दौरायज्ञ की पूर्णाहुति के लिए निमंत्रित राÓयपाल कलराज मिश्र समारोह में नहीं पहुंचे। कृषि कानूनों व आश्रम की जमीन के विवाद के बीच शनिवार को ही राजभवन से राÓयपाल का दौरा रद्द कर दिया गया था।
तीन महीने का यज्ञ, तीन मुद्दों पर विवाद
सांसद सुमेधानंद सरस्वती के तीन महीने के यज्ञ में तीन मुद्दों को लेकर विवाद हुआ। किसान व विभिन्न संगठनों ने कृृषि कानूनों, यज्ञ में राजनेताओं को बुलाने व आश्रम की जमीन को लेकर आयोजन का विरोध किया।

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