सीकर. जिले में स्वाइन फ्लू का वायरस एच-1 ओर एन-1 पिछले वर्ष की तुलना में इस बार दो माह पहले ही सक्रिय हो गया है। इसकी बानगी है कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू 5082 मरीज मिल चुके हैं। 208 मरीजों की मौत हो चुकी है। सीकर जिले में स्वाइन फ्लू के 174 मरीज पॉजीटिव मिले हैं और छह लोगों की मौत हो चुकी है। सामान्य वर्षों में यह वायरस नवम्बर माह में सक्रिय होता है लेकिन इस बार वायरस दो माह पहले अगस्त में सक्रिय हो गया।
138 लोगों में पुष्टि
जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में अब तक 138 मरीजों में स्वाइन फ्लू की कार्ड टेस्ट में पुष्टि हो चुकी है। विशेषज्ञों की माने तो तापमान बढऩे पर यह वायरस खत्म नहीं हो रहा है। इसलिए खतरा बढ़ गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि स्वाइन फ्लू का वायरस फरवरी माह तक सक्रिय रहेगा। चिकित्सकों ने बताया कि इस बार स्वाइन फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीज सितम्बर माह में आने शुरू हो गए। सितम्बर माह में स्वाइन फ्लू के पॉजीटिव केस मिलने से मरीजों की संख्या बढ ग़ई। अक्टूबर माह की शुरूआत में भी कार्ड टेस्ट में स्वाइन फ्लू के सामने आ रहे हैं।
दिन के तापमान पर टिका है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू का वायरस दिन के तापमान पर निर्भर रहता है। विशेषज्ञों की माने तो दस डिग्री तापमान में स्वाइन फ्लू का वायरस 75 से 80 फीसदी व दस से 14 डिग्री के बीच 50 से 75 फीसदी और 14 से 22 डिग्री के बीच, 25 से 30 डिग्री के बीच 25 से 50 फीसदी सक्रिय रहता है। ऐसे में माना जा सकता है कि स्वाइन फ्लू का वायरस फरवरी माह तक सक्रिय रह सकता है।
वेक्सीन में तीन स्ट्रेन
स्वाइन फ्लू की वैक्सीन में 3 स्ट्रेन पाए जाते हैं। दो इन्फ्लूएंजा ए के स्ट्रेन व एक इन्फ्लूएंजा बी का स्ट्रेन। ये हर साल बदल सकते हैं। स्वाइन फ्लू का वायरस यूएस से आया है। उसके बाद यह विकसित हो गया। 10 से 14 डिग्री तापमान पर ज्यादा सक्रिय रहता है, जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उन्हें यह आसानी से चपेट में ले लेता है। मरीज के संपर्क में आने वाले स्वस्थ व्यक्ति को भी स्वाइन फ्लू हो जाता है।
ये देसी उपाय भी कारगर
आयुर्वेदिक काढ़े को तीन से पांच दिन पीना चाहिए। यह बीमारी से बचाव करता है। गिलोय पाउडर, तुलसी, काली मिर्च व गुड़ से मिलाकर बनाया जाता है। कपूर होने से इसमें तीक्ष्ण गंध होती है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों की माने तो इस पाउडर की पुडिय़ा जेब में रखने से भी स्वाइन फ्लू का वायरस दूर रहता है।
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