सीकर/नांगल. खेलने- खाने की उम्र में एक आठ साल की मासूम पर कोरोना ने जिम्मेदारियों का बोझ डाल दिया। उसका बालमन अब भी बच्चों के साथ खेलने में रहता है, लेकिन परिस्थितियों ने उसे पिता की पगड़ी पहना दी। पिता की मौत व रस्मों की समझ से परे उस अबोध मासूम के उस दृश्य को जिसने भी देखा उसकी आंखों में नमी उतर आई। लेकिन, काल की कुचाल के सामने सब बेबस नजर आए। गौरतलब है कि राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ कस्बे के नांगल गांव के वार्ड पंच 40 वर्षीय सतीश पारीक की कोरोना से मौत हो गई थी। जिसके गुरुवार को पगड़ी के दस्तूर में वार्ड पंच की आठ वर्षीय बेटी वानी पारीक को पिता की पगड़ी पहना गई। जिसकी रस्म अदायगी बेहद भावुक पलों में हुई। मासूम को जिम्मेदारियों की पगड़ी पहनाते समय परिवार के अलावा बाहरी लोगों तक की अंाखे छलछला गई। करुणा से भरा वो मंजर नहीं देख पाने के कारण कुछ तो रस्म को बीच में ही छोड़ गए।
9 महीने की छोटी बेटीकोरोना ने मृतक सतीश पारीक के परिवार को जिंदगीभर ना भूलने वाला गम दे दिया। पत्नी श्रद्धा जहां 38 साल की उम्र में पति को खोकर बेसुध है। जिस पर आठ साल की बड़ी बेटी वानी के अलावा 9 महीने की छोटी बेटी जयश्री की भी जिम्मेदारी है।
बेटियां ही बेटे बड़ी बेटी को पगड़ी पहनाने का फैसला खुद मृतक की पत्नी श्रद्धा पारीक का ही था। भावुक श्रद्धा का कहना था कि दोनों बेटियां ही उसके लिए बेटे के समान हैं। जिनके भरोसे ही उसे जिंदगी बितानी है। इसलिए पति की पगड़ी बेटी के सिर पर बंधवाई है।
आर्थिक स्थित कमजोरसतीश पारीक की मौत से परिवार पर आर्थिक संकट भी मंडरा गया है। अब तक सतीश ही परिवार को चला रहा था। लेकिन, अब परिवार के सामने रोजी- रोटी का बड़ा संकट गहरा गया है। ऐसे में ग्रामीणों ने शासन व प्रशासन से परिवार के लिए रोजगार व आर्थिक मदद की मांग की है।
कोरोना से 335 मौतगौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस से जिले में अब तक 335 मौत हो चुकी है। जिनमें से 234 मौत कोरोना की दूसरी लहर में हुई है।
कोरोना का दंश: खेलने- खाने की उम्र में आठ साल की मासूम पर बंधी जिम्मेदारी की पगड़ी
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