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भविष्य की राह काफी मुश्किल भरी हो सकती है

मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में यूपी चुनाव देश की राजनीति की दिशा तय करने वाला होगा, इसमें बिलकुल संदेह नहीं है. यह चुनाव न केवल मोदी-योगी बल्कि सपा-बसपा और कांग्रेस के लिए भी बराबर की अहमियत रखता है.
गांधी परिवार इस बात को बखूबी समझता है कि अगर उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो भविष्य की राह काफी मुश्किल भरी हो सकती है. यही वजह है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने यूपी में खुद को झोंकने का मन बना लिया है. वह खुद विधानसभा का चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं, जिससे पार्टी में जान फूंकी जा सके.
हालांकि अभी ये तय नहीं है कि प्रियंका कौन सी सीट से किस्मत आजमाने की तैयारी कर रही हैं. लेकिन दिग्गज कांग्रेसियों की मानें तो प्रियंका की पहली पसंद अमेठी है. वह राहुल गांधी की हार का बदला लेने के लिए अमेठी में लोकसभा चुनावों की जमीन तैयार कर सकेंगी.
इससे स्मृति ईरानी को 2024 के लोकसभा चुनावों में चुनौती दी जा सकेगी. इससे पहले गांधी परिवार के सभी सदस्यों ने सिर्फ लोकसभा चुनाव लड़ा है. प्रियंका, गांधी परिवार की पहली सदस्य होंगी जो विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. सूत्रों का कहना है कि प्रियंका ने यह फैसला चुनावी रणनीति कार प्रशांत किशोर की सलाह पर लिया है.
बीते दिनों लखनऊ में हुई मीटिंग में एडवायजरी कमेटी ने भी प्रियंका से कहा था कि उनके चुनाव मैदान में आने से कांग्रेस को यूपी में नई ताकत मिलेगी. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी प्रियंका को सुझाव दिया था कि उन्हें विधानसभा चुनाव में खुद मैदान में उतरना चाहिए.
प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने या ना लड़ने को लेकर खुद कोई संकेत नहीं दिए हैं, लेकिन इसके लिए रायबरेली और अमेठी के वोटरों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. रायबरेली और अमेठी कांग्रेस की परंपरागत सीटें रही हैं. रायबरेली में अब तक सिर्फ 3 बार कांग्रेस हारी है. 1977, 1988 और 1996 में इस सीट पर कांग्रेस को हार मिली थी. इस सीट से फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी, शीला कौल, अरुण नेहरू और सतीश शर्मा चुनाव लड़ चुके हैं.
अमेठी में 17 लोकसभा और 2 उपचुनाव में कांग्रेस ने 16 बार जीत हासिल की है. 2004, 2009 और 2014 में राहुल गांधी यहां से जीते , लेकिन 2019 में स्मृति ईरानी ने राहुल को हरा दिया था. सूत्रों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव हार जाने के बाद वहां गांधी परिवार का दबदबा कम हुआ है.
वहीं, कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी की सेहत ठीक नहीं होने के चलते रायबरेली में भी गांधी परिवार का जनता से संपर्क कम हुआ है. प्रियंका के चुनाव लड़ने से अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस का जुड़ाव और मजबूत हो सकता है. यूपी विधानसभा चुनाव में प्रियंका कांग्रेस का चेहरा होंगी, ये बात दिग्गज कांग्रेसी भी कह चुके हैं.
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