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शिवसेना के बगावती तेवरों ने भाजपा और भाजपा समर्थकों के हिंदुत्व के ढोंग को बेनकाब कर दिया है

हरियाणा और महाराष्ट्र दोनों जगह के नतीजे आ चुके हैं, हरियाणा में सरकार बन चुकी है. मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बन चुके हैं और दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री.

पेंच फंसा हुआ है महाराष्ट्र में. महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे भाजपा के आकलन के अनुसार नहीं आए हैं. बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राष्ट्रीय मुद्दों पर चुनाव प्रचार किया था. धारा 370, पाकिस्तान आतंकवाद, राम मंदिर के नाम पर राज्यों के जरूरी मुद्दों को दबाने का काम किया था. भाजपा को पूरी उम्मीद थी कि, भाजपा धारा 370 और पाकिस्तान के नाम पर प्रचंड बहुमत के साथ दोनों राज्यों में अकेले दम पर सरकार बना लेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

भाजपा दोनों ही राज्यों में पिछले विधानसभा के चुनावी नतीजों से भी पीछे रह गई और बीते लोकसभा चुनाव में मिली जीत पर बढ़त नहीं ले पाई. दोनों ही राज्यों में धारा 370 कश्मीर, पाकिस्तान-आतंकवाद जैसे भाजपा के हथियारों पर जंग लग गई. भाजपा रेंगते हुए गठबंधन की पार्टियों के साथ चुनावी प्रचार के अनुसार सम्मानजनक सीटों तक पहुंच गई, लेकिन शिवसेना के साथ महाराष्ट्र में जादुई आंकड़ा तो पा लिया भाजपा ने, लेकिन शिवसेना लगातार बगावती तेवर अख्तियार किए हुए हैं.

शिवसेना का कहना है कि फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्मूले पर सरकार बनेगी, यानी ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा और ढाई साल भाजपा का. शिवसेना का कहना है कि चुनाव से पहले ही इस बात पर सहमति बन गई थी.

भाजपा के तमाम नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार फडणवीस शिवसेना की इस बात से इनकार कर रहे हैं. फडणवीस का कहना है कि पूरे 5 साल वही मुख्यमंत्री रहेंगे और फिफ्टी-फिफ्टी फार्मूले जैसा कोई समझौता नहीं हुआ था.

शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि भाजपा अपनी बात से पलट रही है. अगर भाजपा भगवान श्रीराम के नाम पर राजनीति करती है, रामराज्य की बात करती है तो भाजपा को सच पर कायम रहना चाहिए. लेकिन भाजपा श्री राम पर राजनीति कर रही है, रामराज की बात करती है और पूर्व में किए गए समझौते से पलट रही है. झूठ बोल रही है. संजय राउत का कहना है कि अब तो सत्य की परिभाषा भी बदलनी पड़ेगी.

शिवसेना और भाजपा में जारी तकरार से एक बात साफ हो चुकी है कि भाजपा को जनता की समस्याओं से मतलब नहीं है. महाराष्ट्र में तमाम मुद्दे मुंह बाए खड़े हैं. किसानों की समस्याएं हैं, रोजगार की समस्याएं हैं,महिलाओं की सुरक्षा की समस्याएं हैं, पीएमसी खाताधारकों की समस्याएं मौजूदा समय में विकराल रूप ले चुकी है. लेकिन जल्द से जल्द सरकार बनाकर जनता के हित में लगातार काम करने की जगह भाजपा मुख्यमंत्री-मुख्यमंत्री खेल रही है.

शिवसेना जिस प्रकार का आरोप लगा रही है, उससे यह साफ है कि भाजपा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान सिया राम के नाम पर सिर्फ देश को गुमराह करती है. शिवसेना के बगावती तेवरों को देखते हुए भाजपा और भाजपा के समर्थक लगातार शिवसेना पर हमलावर हैं. भाजपा के समर्थक सोशल मीडिया पर यहां तक कह रहे हैं कि शिवसेना को अब उसकी औकात दिखाने की जरूरत है. तमाम तरह के कमेंट सोशल मीडिया पर शिवसेना पर किए जा रहे हैं. तमाम तरह की पोस्ट की जा रही है और उसके नीचे लिखा जा रहा है जय श्री राम.

भाजपा के नेता और भाजपा के तमाम समर्थक सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि शिवसेना हिंदुओं की पार्टी नहीं है, शिवसेना अब लालची हो चुकी है. भाजपा के समर्थकों की इन बातों से एक बात तो साफ हो चली है कि, भाजपा और भाजपा के समर्थक भगवान सियाराम के नाम पर सिर्फ देश को मूर्ख बना रहे हैं. अगर इनकी नजर में कोई भाजपा का समर्थन करता है, भाजपा के नेताओं का समर्थन करता है तो वह हिंदू है, भगवान सियाराम का उपासक है अन्यथा वह हिंदू विरोधी है और सनातन विरोधी है.

ऐसी सोच रखकर और ऐसा करके भाजपा के समर्थक और भाजपा के नेता सिर्फ और सिर्फ भाजपा की कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं. भाजपा की सत्ता बचाने में लगे हुए हैं. भाजपा के नेता और भाजपा के समर्थक भगवान सियाराम के नाम का इस्तेमाल करते हुए सिर्फ और सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.

धर्म के नाम पर अब इस देश में,इस देश की जनता को राजनीति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए. चाहे कोई भी पार्टी हो अगर भगवान के नाम पर, धर्म के नाम पर राजनीति कर रही हो तो उसका संपूर्ण बहिष्कार होना चाहिए. गैरजरूरी मुद्दों पर अगर राजनीति हो रही हो, जनता के जरूरी मुद्दों को दबाया जा रहा हो तो ऐसी पार्टियों का तुरंत बहिष्कार होना चाहिए.

अभी तक जो पार्टियां भाजपा के खिलाफ थी, भाजपा के नेताओं से सवाल कर रही थी, प्रधानमंत्री मोदी से सवाल कर रही थी, उनको भाजपा के समर्थक हिंदू विरोधी बता रहे थे, पाकिस्तान समर्थक बता रहे थे, राष्ट्रद्रोह ही बता रहे थे.

लेकिन अब जो पार्टी पिछले 5 साल से महाराष्ट्र में भाजपा के साथ सत्ता में भागीदार थी और मौजूदा दौर में केंद्र में भाजपा के साथ सत्ता में हिस्सेदार है, उस पार्टी को भाजपा के समर्थक औकात बताने की बात कर रहे हैं, लालची बता रहे हैं और कह रहे हैं कि शिवसेना अब हिंदुओं की पार्टी नहीं है.

इससे साफ पता चलता है कि, जब तक कोई भाजपा का समर्थन करेगा, भाजपा के नेताओं की बात मानेगा, प्रधानमंत्री मोदी की बात मानेगा तब तक उस व्यक्ति को, उस पार्टी को हिंदुओं की पार्टी, हिंदुओं की समर्थक पार्टी माना जाएगा अन्यथा उसे तुरंत देशद्रोही और हिंदू विरोधी घोषित कर दिया जाएगा.

यह भी पढ़े : PM मोदी की नजरों में आने के लिए कुछ उनके समर्थक देश के अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वालों का अपमान कर रहे हैं

Thought of Nation राष्ट्र के विचार
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