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बैंक का गबन दबाने के लिए भतीजे को बनाया व्यवस्थापक, बढ़ी रार

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सीकर. (sikar kendriya sahkari bank) सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक में सगे भतीजे को सहायक व्यवस्थापक लगाने और गबन के कई प्रकरण दबाने के मामले में रार शुरू हो गई है। ग्राम सेवा सहकारी समिति के चेयरमैन सहित संचालक मंडल के पूर्व सदस्यों ने बैंक के एमडी बाबूलाल मीणा के खिलाफ विभिन्न प्रकरणों में गंभीर आरोप की लिखित में रजिस्ट्रार को शिकायत दी है। इसको लेकर रजिस्ट्रार ने मामले में तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया है ये कमेटी मामले की जांच कर सात दिन में मुख्यालय को रिपोर्ट देगी। मुख्यालय ने प्रबंध निदेशक से सफाई मांगते हुए 14 जुलाई को तलब किया है। गौरतलब है कि मीणा के पास उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, विशेष लेखा परीक्षक सहकारी समितियां का अतिरिक्त चार्ज भी है। एमडी ने खुद के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सिरे से नकार दिया है। वही शिकायत कर्ताओं ने बताया कि प्रबंध निदेशक मीणा 31 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसलिए प्रकरण को दबाया जा रहा है।
ये हैं आरोप
गुरारा ग्राम सेवा सहकारी समिति में पूर्व में नियुक्त कर्मचारी को हटाकर एमडी ने सैकंडरी कक्षा पास अपने भतीजे महेश कुमार की जुलाई 2019 में नियुक्ति की। कर्मचारियों पर दबाव बनाकर नियम विरुद्ध प्रस्ताव पारित करवाए।
विभाग की लापरवाही
भतीजे की नियुक्ति सहित विभिन्न मामलों को लेकर अगस्त 2019 में बैंक के प्रबंध निदेशक की शिकायत दी थी लेकिन मुख्यालय ने कमेटी तो बना दी लेकिन उस कमेटी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस प्रकार के प्रकरण में कार्रवाई नहीं करने से बैंक की छवि खराब होती है वहीं कर्मचारियों का मनोबल टूटता है।- भानाराम शेषमा, चेयरमैन, राजपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति
 
प्रक्रिया के तहत कार्यसमिति का संचालक मंडल ही व्यस्थापक को हटाता है और नियुक्ति करता है। नियुक्ति में एमडी का कोई लेन-देन नहीं है। मुझ पर लगे आरोप निराधार है।
बीएल मीणा, प्रबंध निदेशक, सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक

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