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अवसर देने का खम ठोकने वाली सरकार ने युवाओं के लिए खोदी नियमों की खाई

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सीकर. युवाओं को आगे बढऩे का अवसर देने का खम ठोकने वाली राज्य सरकार ने युवा शिक्षकों की पदोन्नति में नियमों की खाई खोद दी है। दरअसल नई व्यवस्था के तहत शिक्षा विभाग ने माध्यमिक स्कूल से प्रधानाध्यापक पद समाप्त कर प्रधानाचार्य व उच्च माध्यमिक स्कूल में भी उप प्रधानाचार्य का अतिरिक्त पद सृजित किया है। लेकिन ये पद केवल पदोन्नति से ही भरा जाना तय किया है। अब चूंकि पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर ही होती है। ऐसे में युवा शिक्षकों को इन पदों पर नियुक्ति का अवसर ही नहीं मिलेगा। लिहाजा युवा शिक्षकों के साथ शिक्षक संगठनों ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है।
14 हजार 886 पद किए थे स्वीकृतसरकारी स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने प्रधानाचार्य व उप प्रधानाचार्य 14 हजार 886 नए पद सृजित किए हैं। इनमें उच्च माध्यमिक स्कूल में उप प्रधानाचार्य के 11 हजार 353 पद शामिल है। जबकि माध्यमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक का पद खत्म कर प्रधानाचार्य के 3 हजार 533 नए पद सृजित किए गए हैं।
इस तरह होगी प्रधानाचार्यों की नियुक्ति प्रधानाचार्य व उपप्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति फिलहाल व्याख्याता व प्रधानाध्यापकों की पदोन्नति से होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने 80-20 का अनुपात तय किया है। यानी 80 फीसदी पद व्याख्याताओं व 20 फीसदी पद प्रधानाध्यापकों की पदोन्नति से भरे जाने हैं।
50-50 की मांगस्कूल प्रबंधन में युवा सोच व ऊर्जा का लाभ लेने के लिए युवा शिक्षकों व शिक्षक संगठनों ने 50-50 अनुपात अपनाने की मांग की है। उनका कहना है कि व्याख्याता के साथ उप प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती से ही भरा जाना चाहिए। बाकी 50 फीसदी पदों पर ही पदोन्नति से नियुक्ति होनी चाहिए। ताकि इन पदों पर अनुभवी शिक्षकों के साथ योग्य युवाओं को भी नियुक्ति का अवसर मिल सके।
ये भी संशय1. 2021-22 की डीपीसी अभी तक नहीं हुई है। क्या डीपीसी से पूर्व इन पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी जाएगी? क्योंकि हर सत्र में एक अप्रेल के रिक्त पदों के आधार पर डीपीसी होती है।2. क्या अब स्वीकृत होने वाले पदों को डीपीसी में शामिल किया जाएगा और क्या इसी सत्र में इन पदों पर नियुक्ति की जाएगी?3. प्रधानाध्यापकों को पदोन्नति तक माध्यमिक स्कूलों में ही रखा जाएगा या उन्हें उपप्रधानाचार्य पद पर समायोजित किया जाएगा। 4. उप प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के कितने साल बाद प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की जाएगी?
फेक्ट फिगरउप प्रधानाचार्य के नए पद: 11, 353प्रधानाचार्य के नए पद: 3,533 प्रधानाचार्य के खाली पद: 1200व्याख्याता के खाली पद: 11 हजारद्वितीय श्रेणी शिक्षक खाली पद: 20000
इनका कहना है:माध्यमिक स्कूल में प्रधानाचार्य व उच्च माध्यमिक स्कूल में उप प्रधानाचार्य के नए पद सृजित करना शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए अच्छा कदम है। पर ये 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भी भरे जाने चाहिए। ताकि युवा शिक्षकों की भी इन पदों पर नियुक्ति हो सके।उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत।

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