उत्तर प्रदेश के किसानों को,प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की दूसरी और तीसरी किस्त अभी तक नहीं मिली है.
पूरे उत्तर प्रदेश में एक भी किसान को अभी तक तीसरी किस्त नहीं मिली है,इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में 30 फ़ीसदी किसानों को अभी तक दूसरी किस्त मिलने का इंतजार है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसानों को सालाना ₹6000 दिए जाने का वादा किया गया था प्रधानमंत्री और भाजपा की तरफ से.
इस योजना के तहत देशभर के किसानों को ₹6000 प्रतिवर्ष तीन किस्तों में देने का वादा किया गया था जो सीधे किसानों के बैंक खातों में दिए जाने की बात थी.
उत्तर प्रदेश के किसानों को अभी भी दूसरी और तीसरी किस्त मिलने का इंतजार है,
राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया है कि 5320 करोड़ों रुपए 1.58 करोड़ किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए गए हैं,लाभान्वित किसानों को पहली किस्त तो तुम मिल गई है, लेकिन लगभग 5000000 किसानों को दूसरी किस्त नहीं मिली है अभी तक.
इस योजना की दूसरी किस्त का भुगतान अप्रैल से जुलाई के बीच में होना था,वहीं तीसरी किस्त का भुगतान अगस्त में होना था,जो अभी तक नहीं हुआ है.
यह देरी उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ हो रही है, गुजरात,आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कई अन्य राज्य पहले ही तीसरी किस्त का भुगतान कर चुके हैं,लेकिन उत्तर प्रदेश में किसानों को अभी तक इस योजना में दूसरी और तीसरी किस्त का लाभ नहीं मिला है.
भारतीय किसान यूनियन के हरिनाम सिंह ने कहा है कि, चुनाव से पहले तो बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक से नहीं किया जाता है. राज्य सरकार भुगतान करने में पहले काफी दूरी कर चुकी है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा की तरफ से की गई थी. इस स्कीम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वयं गोरखपुर में किया गया था जहां से एक करोड़ किसानों के बैंक खाते में ₹2000 की पहली किस्त ट्रांसफर की गई थी,चुनाव से ठीक पहले.
बताते चलें कि देश की अर्थव्यवस्था लगातार मंदी के भंवर में झूल रही है, अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने के लिए सरकार लगातार बैठकें कर रही है, सरकार ने इसी बीच आरबीआई से भी पैसा निकाला है. देशभर में किसानों की हालत नाजुक बनी हुई है, किसानों को उनकी लागत का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है पिछले कुछ सालों से किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं.
किसान अपनी समस्याओं को लेकर लगातार परेशान है, किसानों की फसल का उचित दाम न मिलने के कारण किसान सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर है, पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से किसानों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, किसानों की आत्महत्या के मामले भी बढ़े हैं.
चुनाव से पहले किसानों को लेकर सभी पार्टियों द्वारा किसानों के लिए अलग-अलग वादे किए गए थे, सत्ताधारी पार्टी भाजपा द्वारा भी और स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा भी किसानों के लिए कई स्कीम लॉन्च की गई थी और किसानों से स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने कई वादे किए थे, जिसमें से ज्यादातर वादे अधूरे नजर आ रहे हैं.
देश के किसान पूरे देश की जरूरतों को पूरा करने का काम करते हैं,लेकिन किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार संवेदनशील नजर नहीं आ रही है.
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राष्ट्र के विचार
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