भरतपुर. हजरत निजामुद्दीन-कोटा जनशताब्दी एक्सप्रेस (126060) ट्रेन के लोको पायलट व गार्ड स्टाफ को लेकर चल रहा विवाद बुधवार को यूनियन नेता और अधिकारियों की बातचीत के बाद समाप्त हो गया। दिल्ली की ओर से बुधवार को कोटा मण्डल का क्रू स्टाफ जनशताब्दी ट्रेन को लेकर भरतपुर पहुंचा। यहां स्टेशन पर वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के मण्डल उपाध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने लोको पायलट व गार्ड का स्वागत किया। गौरतलब रहे कि एक सप्ताह से हजरत निजामुद्दीन की ओर से आने वाली 126060 जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन के क्रू स्टाफ को नॉर्थन रेलवे के स्टाफ की ओर से संचालन करने से रोका जा रहा था और हालत ये हो गई थी कि निजामुद्दीन स्टेशन से कोटा मण्डल के क्रू स्टाफ को इंजन व गार्ड की बोगी से नीचे उतार नार्थन रेलवे का क्रू स्टाफ ट्रेन लेकर आ रहा था। जिसका रेलवे यूनियनों के कर्मचारी भरतपुर स्टेशन पर विरोध जताते उन्हें नीचे उतार कोटा मण्डल के क्रू स्टाफ से ट्रेन को कोटा रवाना करवा रहे थे।
गार्ड से शुरू कहानी लोको पायलट तक पहुंची
घटनाक्रम की शुरुआत गत 15 अगस्त से हुई। उस दिन हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से जनशताब्दी ट्रेन संख्या 126060 के वापसी में नॉथर्न रेलवे ने कर्मचारियों ने कोटा मण्डल के गार्ड को नीचे उतार दिया और अपना गार्ड चढ़ा दिया। कोटा मण्डल का गार्ड हटाने का मामला 16, 17 व 18 अगस्त को चला। जिस पर डब्ल्यूसीआरएयू व मजदूर संंघ यूनियन ने कड़ा विरोध जताया और भरतपुर स्टेशन पर नॉथर्न रेलवे के गार्ड को उतार कोटा मण्डल का चढ़ा ट्रेन रवाना करवा रहे थे। इसके बाद 19 और 20 को नॉथर्न रेलवे के कर्मचारियों ने निजामुद्दीन स्टेशन पर गार्ड के साथ अब लोका व सहायक पायलट को भी नीचे उतार कर अपने क्रू स्टाफ से ट्रेन का संचालन कराया। जिस पर भरतपुर स्टेशन पर यूनियन कर्मचारियों ने नॉथर्न रेलवे स्टाफ को नीचे उतार कोटा मण्डल के क्रू स्टाफ से ट्रेन को कोटा रवाना करवा रहे थे।
मेम्बर ऑफ ट्रेफिक व फुल बोर्ड से की शिकायत
गतिरोध बढ़ता देख डब्ल्यूसीआरएयू के महामंत्री मुकेश गालब ने कोटा समेत दिल्ली में मेम्बर ऑफ ट्रेफिक व फुल बोर्ड रेलवे अधिकारियों से शिकायत की और 126060 जनशताब्दी ट्रेन में कोटा मण्डल के क्रू स्टाफ को हटाने की घटना का विरोध किया। छह दिन से चल रहा गतिरोध आखिरकार सातवें दिन बुधवार को समाप्त हो गया। वापसी में हजरत निजामुद्दीन से जनशताब्दी ट्रेन में कोटा मण्डल का ही क्रू स्टाफ ट्रेन को लेकर आया। डब्ल्यूसीआरएयू के मण्डल उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि संगठन इसका शुरू से विरोध कर रहा था। लगातार विरोध और अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराने पर मेम्बर ऑफ ट्रेफिक ने कोटा मण्डल के क्रू स्टाफ से ट्रेन संचालन के निर्देश दिए।
रेल मण्डलों में दबदबा बनाने की लड़ाई
रेल मण्डलों में इस तरह के गतिरोध पूर्व में भी रहे हैं। ये एक तरह से दबदबा बनाने की लड़ाई रही है। जिस रेल मण्डल के पास अधिक ट्रेन संचालन का जिम्मा रहता है, उसकी अहमियत ज्यादा रहती है। ताजा घटना की इसी का नतीजा है। इससे पहले एनसीआर में आगरा फोर्ट-अजमेर इंटरसिटी और ताज एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर भी विवाद हो चुका है।
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