सीकर. कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बीच अब बच्चो में मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। जिले के सबसे बड़े सरकारी जनाना अस्पताल की ओपीडी में आने वाले में एक चौथाई बच्चों में सिरदर्द, सर्दी-जुकाम, बदनदर्द, गले में खराश, सांस फूलना, ठंड लगना और थकान की शिकायतें मिल रही हैं। कार्ड टेस्ट के कारण इनमें डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की पुष्टि भी हो रही है। अस्पतालों की ओपीडी में आने वाला हर दसवां मरीज बुखार से पीडि़त पहुंच रहा है। चिकित्सकों ने इसे खतरे की घंटी बताया है, क्योंकि सर्दी, जुकाम और बुखार से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है। ऐसे में यदि कोरोना की तीसरी लहर आई तो बच्चों को इससे बचाना मुश्किल साबित हो सकता है।सितम्बर में 175 बच्चे भर्तीसीकर जिले में बारिश का दौर थमने के बाद अचानक तापमान बढ़ा और फिर बारिश से गिर गया। जिसके कारण बच्चे आसानी से इस बदलाव की चपेट में आ गए। नेहरू पार्क स्थित जनाना अस्पताल, स्टेशन रोड स्थित बच्चों के दो निजी अस्पतालो से जुटाई जानकारी के अनुसार यहां पिछले माह में 175 बच्चे मौसमी बीमारी के कारण भर्ती हुए थे। इनमें से कई बच्चे तो ठीक होकर घर भी चले गए।डेंगू नहीं फिर भी कम हो रही प्लेटलेट्सबुखार, डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड के मिलते-जुलते लक्षणों ने चिकित्सकों को हतप्रभ कर दिया है। चिकित्सकों के अनुसार बुखार के मरीजों की प्लेटलेट्स कम हो रही हैं, लेकिन डेंगू जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। निजी अस्पतालों में डेंगू के लक्षणों के आधार पर ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है।इनका कहना है…बदलते मौसम की मार बच्चों पर पड़ रही है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से बच्चों को सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार जकड़ लेता है। 12 साल से छोटे बच्चों में इस प्रकार के लक्षण होने पर अनदेखी नहीं करनी चाहिए। – डा. कपिल शर्मा, एमडी पीडियाट्रिक
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