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नकल गिरोह तोड़ रहा युवाओं के अरमान, शिक्षक से लेकर आरएएस परीक्षा तक में हो चुकी धांधली

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सीकर. प्रदेश में लगातार सक्रिय हो रहे नकल गिरोह ने परीक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए है। पिछले सात साल में छह बड़ी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र रद्द भी हो चुके है। आरएएस से लेकर अभियंता व शिक्षक भर्तियों के प्रश्न पत्र लगातार आऊट होने से विद्यार्थियों के नौकरी के सपने भी टूट रहे हैं। पिछले डेढ़ साल की बात करें तो दो भर्तियों के परीक्षा से पहले ही पेपर वायरल हो गए थे। पेपर आउट के चलते दोनों ही परीक्षाएं रद्द की गई। इसके अलावा सात साल में छह बड़ी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र परीक्षाओं से पहले वायरल हो गए थे। प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा रीट में भी पेपर को लेकर 100 करोड़ की डील सामने आई है। हालांकि जयपुर पुलिस मामले की जांच कर रही है। पिछली भर्तियों की बात करें तो बिजली बोर्ड, पुलिस कांस्टेबल, लाइब्रेरियन और जेईएन भर्ती के पेपर भी परीक्षा से पहले ही वायरल हो गए थे। अब नीट परीक्षा से पहले नकल का बड़ा खेल सामने आने पर परीक्षा एजेन्सियों की व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है।नकल कारोबार: हर साल 20 एफआईआर, लाखों की ठगी, सिस्टम बेबस, 230 से ज्यादा गिरफ्तार
प्रदेश में नकल कारोबार के जरिए ठगी का खेल प्रदेश में लगातार बढ़ रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक हर साल प्रदेश में नकल गिरोह से जुड़े मामलों की 20 से अधिक एफआईआर दर्ज हो रही है। भर्तियों के आखिरी साल में इनकी संख्या अधिक बढ़ जाती है। बेरोजगारों से हर साल लाखों रुपए की ठगी भी होती है। पिछले तीन सालों का औसत के हिसाब से हर साल 230 से ज्यादा गिरफ्तारी इस तरह के मामलों में हो रही है।
प्रदेश में इन भर्तियों के पर्चे आए बाहरआरएएस 2013: पहली बार रद्द हुई थी परीक्षा
प्रदेश की सबसे बड़ी आरएएस 2013 की भर्ती भी प्रश्न पत्र आऊट की वजह से विवादों में आ चुकी है। इसके बाद कई लोगों को जेल भी भेजा गया। इसके बाद भी कई बार आरपीएससी की भर्ती प्रश्न पत्र व साक्षात्कार की वजह से विवादों में आ चुकी है। आरएएस 2013 की भर्ती आयोग के इतिहास में संभवतय यह पहला मौका था जब आरएएस भर्ती रद्द की गई।
लाइब्रेरियन भर्ती: एक दिन पहले ही आ गया था पेपर
29 दिसंबर 2019 को आयोजित लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा का पेपर आउट हो गया था। इसमें 700 पदों के लिए 87 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस भर्ती का प्रश्न पत्र एक दिन पहले ही आ गया था। इसके बाद इसकी परीक्षा 2020 को हुई। इस वजह से अभ्यर्थियों को देरी से नौकरी मिली।
जेईएन भर्ती का पेपर भी हो गया था आउट, परीक्षा अब तक नहींपिछले साल छह दिसंबर को हुई 522 पदों की जेईएन भर्ती सिविल डिग्रीधारी का पेपर आउट हो गया था। इस परीक्षा का प्रश्न पत्र भी पेपर वायरल हो गया था। चयन बोर्ड ने करीब पेपर होने के करीब 20 दिन बाद पेपर आउट माना था। अब यह परीक्षा 12 सितंबर को होगी।
बिजली बोर्ड में आठ श्रेणी के पदों की भर्ती: सामने आया था हाईटेक नकल का खेल
पिछले सरकार के समय हुई बिजली बोर्ड की भर्ती भी हाईटेक नकल को लेकर चर्चा में रही। परीक्षा सेंटर के पास स्थित मॉल से ब्लूटूथ के जरिए हाईटेक तरीके से नकल कराई जा रही थी। इस मामले में भी पुलिस ने दस से अधिक हरियाणा के युवाओं को गिरफ्तार भी किया था।पुलिस कांस्टेबल: हाईटेक के साथ पेपर लीक का मामला चर्चा मेंपुलिस कांस्टेबल भर्ती में नकल का खेल दस साल मेें दो बार सामने आ चुका है। एक बार परीक्षा से पहले प्रश्न बाहर आ गया तो दूसरी बार हाईटेक तरीके से नकल भी चर्चा में रही।
पटवारी भर्ती: आऊट की वजह से स्थगित अब तक नहीं हो सकीइस साल जनवरी में होने वाली 4421 पदों की पटवारी भर्ती परीक्षा से पहले दिसंबर में जेईएन भर्ती परीक्षा का पेपर आउट हो गया था। इसी भय से जनवरी में होने वाली पटवारी भर्ती परीक्षा को स्थगित कर दिया गया। इसकी परीक्षा अब तक नहीं हो सकी। इस कारण प्रदेश के 15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों का नौकरी का इंतजार बढ़ गया।
लापरवाही: हूबहू प्रश्न पत्र नहीं मिलने पर परीक्षा एजेंसी नहीं करता पर्चा रद्द
प्रदेश में नकल गिरोह के पनपने के पीछे बड़ी वजह परीक्षा एजेन्सियों की लापरवाही भी है। प्रदेश में शिक्षक भर्तियों के कई बार प्रश्न पत्र बाहर आ गए। इस दौरान बोर्ड व आरपीएससी की ओर से तर्क दिया जाता है कि वायरल हुआ प्रश्न पत्र के सीरियल नंबर ऑरिजनल प्रश्न पत्र से अलग थे। इसके अलावा प्रश्नों में कुछ शब्दों का हेरफेर कर दिया जाता है। इससे परीक्षा एजेंसी खर्चे का तर्क देकर प्रश्न पत्र को आऊट नहीं करती है। इस वजह से नकल गिरोह का कारोबार लगातार फैल रहा है।
एक्सपर्ट व्यू:नकल गिरोह का फर्जीवाड़ा कराने के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए। किसी परीक्षा का प्रश्न पत्र आऊट होने से तैयारी करने वाले हजारों अभ्यर्थियों के परिवार भी प्रभावित होते है। प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर प्रवेश परीक्षाओं में इस तरह के गिरोह लगातार सक्रिय हो रहे है। आगामी डेढ़ साल में कई प्रतियोगी परीक्षाएं होनी है। इसलिए सरकार को सूचना तंत्र को और बेहतर कर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, इससे मेहनत से नौकरी हासिल करने वाले होनहारों का मनोबल नहीं टूटेगा।
एडवोकेट संदीप कलवानिया, भर्ती मामलों के जानकार

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