झालावाड़। झालावाड़ जिले के पिड़ावा कस्बे के बायपास पर एक कार बारिश ( Rain ) के दौरान अचानक बेकाबू होकर चवली नदी में गिर गई। मंगलवार रात 9 बजे के करीब एक कार कस्बे से सुसनेर जा रही थी। सुल्तानपुरा मस्जिद के पास से बायपास पर जा रही कार चालक की लापरवाही से बेकाबू ( Car Accident in Rajasthan ) होकर नदी में गिर गई। उस समय कार में तीन महिला और 2 पुरूष सवार थे। गनीमत यहा रही कि कार के पीछे का पहिया ऊपर ही टिक गया। जिससे सभी सवार सुरक्षित निकलने में कामयाब हो गए। नदी के पास रोड पर कोई भी सुरक्षा दीवार नहीं थी और न ही कोई पिल्लर बने हुए थे। ऐसे में बारिश के दौरान रात के अंधेरे में कार बेकाबू हो गई और नदी में जा गिरी।
ट्रैक्टर से खींचकर कार को निकाला बाहर ( Road Accident in Rajasthan )हादसे के बाद कार में सवार महिलाएं जैसे तैसे निकलकर वहीं पास की दुकान पर पहुंची। जैसे ही लोगों को कार दुर्घटना की जानकारी मिली तो घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। बारिश के बीच एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ट्रैक्टर से कार को खींचकर बाहर निकाला गया।
वाहन चालकों को होती है परेशानीनदी के पास रोड पर कोई भी सुरक्षा दीवार नहीं होने से रात के अंधेरे में यहां से वाहन ले जाने में चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है और कई बार ऐसे हादसे हो जाते हैं। ऐसे हादसे पहले भी कई बार हो चुके हैं, लेकिन फिर भी प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
वहीं दूसरी ओर बूंदी जिले के हिंडोली थाना क्षेत्र के अशोकनगर ठ्ठद्ध52 बाईपास पर बुधवार सुबह 8:30 बजे कोटा से जयपुर जा रही सवारियों से भरी लोक परिवहन की बस पलट गई। बस पलटकर चारों खाने चित हो गई। बस पलटते ही सवारियों में चीख-पुकार मच गई। लेकिन गनीमत यह रही कि बस में सवार आधा दर्जन यात्रियों के मामूली चोट आई। बड़ा हादसा होने से टल गया। बस चालक परिचालक ने चालाकी दिखाते हुए सभी सवारियों को एक-एक कर उतार कर अन्य वाहनों से गंतव्य में रवाना कर दिया। जब तक घटना पर पुलिस पहुंची तब तक मौके पर दो-तीन यात्री ही मिले।
जानकारी के अनुसार कोटा से जयपुर चलने वाली रोडवेज लोक परिवहन बस अशोक नगर बाईपास के पास पलट गई। बस में 40 यात्री सवार थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आसपास के लोगों ने त्वरित गति से सभी यात्रियों को निकाला और कुछ ही देर में वाहनों में उन्हें वहां से भिजवा दिया। पुलिस का कहना है कि जब तक मौके पर पुलिस पहुंची यहां से सभी लोग जा चुके थे केचल एक-दो ही बचे थे।
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