सीकर. नीट परीक्षा के लिए पहली बार आवेदन फॉर्म दो बार में भराए जाने की गफलत से देश के सैकड़ों विद्यार्थियों के भविष्य पर कायदों की तलवार लटकने के मामले में सीकर के विद्यार्थियों की आवाज ने देशभर के विद्यार्थियों को राहत दिला दी है। एनटीए के परिणाम अटकने के आदेश की वजह से सात दिन देशभर के हजारों विद्यार्थियों की सांसे अटकी हुई थी। इस मामले में सीकर के विद्यार्थियों ने गुरुवार को एनटीए में लिखित में शिकायत दर्ज कराकर मानव संसाधन मंत्रालय तक पीड़ा बताई थी। इसके बाद देर शाम एनटीए ने दूसरे फेज के फार्म भरने की तिथि बढ़ाकर 26 अक्टूबर कर दी है। इस छूट की वजह से नीट के परिणाम में देरी होना लगभग तय है। सूत्रों की मानें तो देशभर में 50 हजार से अधिक ऐसे विद्यार्थी हैं जिन्होंने दूसरे फेज का फॉर्म नहीं भरा था।
एनटीए ने एक अक्टूबर को दिया आदेश, फिर बढ़ाई तिथिद्वितीय फेज के आवेदन भरने के लिए एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने एक अक्टूबर 2021 को आदेश जारी किया। इसमें सभी नीट अभ्यर्थियों से फेज द्वितीय के फार्म को अनिवार्य रूप से भरने की बात कही गई। दस अक्टूबर तक 70 फीसदी विद्यार्थियों के इस फार्म को नहीं भरने पर 14 अक्टूबर की तिथि बढ़ाई थी। इस आवेदन के बदले कोई शुल्क नहीं वसूला गया था। अब सीकर सहित अन्य शहरों के विद्यार्थियों के आवाज उठाने पर 21 से 26 अक्टूबर तक तिथि बढ़ाई गई है।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अचानक मांगी जानकारीनीट परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों के बैठने के साथ कई तरह की शिकायतें भी आने लगी थी। इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एनटीए की ओर से कक्षा ग्यारहवीं के साथ अन्य जानकारी मांगी गई। कुछ अभ्यर्थियों ने दूसरे फेज का आवदेन इसलिए भी नहीं किया कि वे सभी जानकारी पहले फेज के आवेदन में दे चुके थे। इस वजह से भी गलफत रही।
विद्यार्थी बोले, ऐसे तो बर्बाद हो जाता भविष्य
केस एक: एनटीए ने साइट के अलावा कहीं नहीं दी सूचना
बगरू निवासी सुनील कुमार शर्मा ने नीट की तैयारी सीकर की एक कोचिंग से की। परीक्षा देने के बाद गांव चला गया। उसने बताया कि नीट में स्कोर 530 तक पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन द्वितीय फेज का फॉर्म नहीं भरने से भविष्य बर्बाद होने का खतरा बना हुआ था। एनटीए की ओर से मोबाइल पर कोई सूचना नहीं देने से परेशानी हुई है। हालांकि अब तिथि बढऩे से राहत मिल गई है।
केस दो: एनटीए व मंत्रालय को बताया दर्द, आखिरी जीत
झुंझुनंू जिला निवासी अस्मिता कुमारी ने बताया कि उसके नीट में 550 से अधिक नंबर आने की उम्मीद है। उनको एनटीए के दूसरे फेज की फॉर्म भरने की जानकारी नहीं मिली। इस वजह से वह वंचित रह गई। इस मामले में एनटीए व मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि यह विद्यार्थियों की एकजुटता की जीत है।
केस तीन: अच्छा मेडिकल कॉलेज मिलता, अब एक साल बर्बाद नहीं होगा
सीकर निवासी प्रवीण कुमार का कहना है कि नीट का पेपर इस साल काफी अच्छा हुआ था। अच्छा मेडिकल कॉलेज मिलने की उम्मीद थी। लेकिन दूसरे फेज का फॉर्म नहीं भरने से रातभर नींद नहीं आ रही। एनटीए के दुबारा आवेदन करने की छूट मिलने से एक साल बर्बाद होने से बच जाएगा।
हर अलर्ट पर रखें नजर, छूट से मिलेगा फायदा
एनटीए के पुराने अलर्ट के बाद भी कई विद्यार्थी दूसरे फेज का आवेदन जानकारी के अभाव में नहीं कर सके थे। हालांकि एनटीए की ओर से तिथि भी बढ़ाई गई थी। अब तक आवेदन से वंचित विद्यार्थियों को अब इस छूट का फायदा उठाते हुए दूसरे फेज का फार्म भरना होगा। एनटीए की छूट का देशभर के सैकड़ों विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा। प्रवेश व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा एजेन्सियों के हर अलर्ट पर पैनी नजर रखनी चाहिए।डॉ. पीयूष सुण्डा, एक्सपर्ट, सीकर
पहला प्रयोग होने की वजह से मिली छूटनीट ने पहली बार दूसरे फेज में फार्म भरवाए है। इसलिए परीक्षा एजेंसी ने भी माना कि सैकड़ों ग्रामीण विद्यार्थी आवेदन से वंचित रह गए। ऐसे में एनटीए ने विद्यार्थियों की भावनाओं को समझते हुए छूट दी है। इस छूट का असर परिणाम की तिथि पर निश्चित तौर पर आएगा।
वेदप्रकाश बेनीवाल, एक्सपर्ट, सीकर
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