सीकर/ फतेहपुर. बैंक में रखा हुआ पैसा अब सुरक्षित नहीं माना जा सकता। अपराधी गिरोह आधार कार्ड के अंगूठे की बायोमेट्रिक्स से फर्जी क्लोनिंग कर पैसा निकालने में जुए हैं। लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में पिछले दिनों बैंक खाते से 12 लाख रुपए निकालने के मामले में ऐसा ही गिरोह सामने आया है। गिरोह देश भर में सैकड़ों से अधिक खातों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका है। फतेहपुर कोतवाली पुलिस ने गिरोह से जुड़े एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद देश के लोगों का बायोमेट्रिक डाटा सुरक्षित रखने वाली वेबसाइडें भी सवालों के घेरे में आ गई है। सीकर पुलिस की ओर से केन्द्र व राज्य सरकार को इन बेवसाइडों की देखरेख वाली कंपनियों की खामियों से अवगत करवाया जाएगा। पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अरूण राय 32 पुत्र हरिहर राय निवासी लबकनी बाशु थाना बरहज जिला देवरिया उतरप्रदेश है।बऊ निवासी बलदेव सिंह ने थाना लक्ष्मणगढ में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी कम्पनी साफ्टवेयर, बेबवाईट और मोबाइल एप्लीकेशन बनाने और बैंकिग सर्विसेज का कार्य करती है। कम्पनी की ओर से पैसा निकालने की दी जाने वाली सेवा का उपयोग कर नित्या इंटरप्राइजेज बेबसाइट पार्टनर ने अंगूठे के नकली निशान बनाकर 12 लाख 33 हजार की धोखाधड़ी कर बैंक खाते से निकाल लिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की तो आरोपी का कोई पता नहीं चल पाया। आरोपी ने खातों में पैसा ट्रांसफार कर उत्तरप्रदेश में ही विभिन्न स्थानों पर खरीददारी कर ली। खरीददारी के दौरान अपने नाम और मोबाइल नंबर भी गलत बताएं। हालांकि एक दुकानदार ने आरोपी की बाइक का नंबर नोट कर लिया। ऐसे में पुलिस आरोपी तक पहुंच गई और उसे गिरफ्तार कर लिया।
सरकारी बेबसाईट से चुराए आधार कार्ड और अंगूठे के निशानआरोपी अरूण राय से पुलिस ने पूछताछ की तो सामने आया कि वह आधार के माध्यम से फ्रॉड करता है। वह मल्टी रिचार्ज सेवा उपलब्ध करवाने वाली किसी कंपनी का रिटेलर है। यह कंपनी आधार इनबेल्ड पेमेंट सिस्टम पर काम करती है। कम्पनी ने आधार से पैसा निकालने वाली सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए उसे आरटीआईडी पासवर्ड उपलब्ध करवा रखा है, जिसके माध्यम से वह किसी भी व्यक्ति के आधार और फिंगर प्रिंट को तैयार कर पैसा निकाल सकता है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि भारत सरकार की सुविधा से कोई भी व्यक्ति जनसुविधा केन्द्र से दस हजार तक की राशि निकाल सकता है। आरोपी ने भारत सरकार की बेबसाईट भूलेख (आइजीआरएस) को चुना, जिसमें ग्रामीण और शहर क्षेत्र के बैनामा धारकों के प्रापर्टी से संबंधित समस्त दस्तावेज अपलोड रहते है और उनके अंगूठा निशानी और आधार कार्ड की छाया प्रति भी अपलोड रहती है ।
थर्मल स्केनर से बनाए नकली फिगंर प्रिंटथानाधिकारी उदय सिंह ने बताया कि आरोपी ने सरकारी वेबसाईट से लोगों के आधार कार्ड और अंगूठे निशानी को अपलोड किया तथा थर्मल स्नेकर, बटर पेपर, इमेज बूस्टर, लिक्विड की मदद से वेबसाईट पर उपलब्ध अंगूठा निशानी को वास्तविक फिंगर प्रिट का रूप दे दिया और आधार कार्ड के जरिये विभिन्न लोगो के खातों से हजारो रूपयें की ठगी कर ली। आरोपी ने खातो से पैसा निकालने से पूर्व लोगों के खातो की पूरी जानकारी भी यहीं से प्राप्त की थी।
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