बीकानेर. महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव का रंग चढ़ चुका है। छात्र नेता जनसम्पर्क में जुटे हुए हैं। इस बार छात्रसंघ चुनाव पूरी तरह से सोशल मीडिया के बलबूते लड़ा जा रहा है। हर युवा की जेब में आए मोबाइल ने चुनाव प्रचार का तरीका बदल कर रख दिया है। हाल ही हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जिस तरह से सोशल मीडिया और राजनीतिक दलों की आइटी सैल ने कमान संभाली थी, ठीक उसी तरह छात्र नेताओं की चुनाव मंडली आइटी का कार्य संभाल चुकी है।
छात्रसंघ चुनाव में हाईटेक प्रचार-प्रसार का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि संभाग के सबसे बड़े डूंगर कॉलेज, छात्राओं के एमएस कॉलेज और एमजीएसयू के करीब १५ हजार विद्यार्थियों में से ८५ प्रतिशत के अकाउंट सोशल मीडिया पर है। छात्र नेता फेसबुक अकाउंट, वाट्सएेप ग्रुप और इंस्टाग्राम सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से अपनी बात छात्र-छात्राओं तक पहुंचा रहे हैं।
अलग-अलग ग्रुपछात्र संगठन और छात्र नेता सोशल मीडिया पर अलग-अलग कॉलेजों के वाट्सएेप और एफबी ग्रुप बनाकर छात्रों को संगठन से जुडऩे व समर्थन देने की अपील कर रहे है। इन ग्रुपों में क्रिएटिव पोस्ट के साथ ऑडियो और वीडियो पोस्ट डाली जा रही है।चुनाव के लिए बन रहे पैरोडी गीत
विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तर्ज पर छात्रसंघ चुनाव में भी प्रत्याशियों व छात्र संगठनों के पैरोडी गीतों की बहार आ गई है। सोशल मीडिया पर इन गीतों को वायरल कर छात्र नेता अपना प्रचार कर रहे है। इनमें ‘सब की आंखों का तारा सेÓ इन दिनों खूब ट्रेंड कर रहा है।
प्रचार-प्रसार के लिए बनाई टीमेंचुनाव का समय नजदीक आते ही प्रचार में भी तेजी आ रही है। छात्र नेता कई दिन पहले ही अपनी दावेदारी दर्ज करवा चुके हैं। संभावित उमीदवारों ने सोशल मीडिया में विशेष प्रचार-प्रसार के लिए एक टीम भी बना रखी है, जो अपने नेता की फोटो, वीडियो शेयर करने में जुटी रहती है। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पक्ष में कमेंट और लाइक करवाकर दावेदारी मजबूत करने में लगे हैं।
नियमों की आवश्यकताअभी जो चुनाव की टीम बनी है, वह लिंगदोह समिति 2010 की बनी, उस समय सोशल मीडिया पर ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं होता था। अब सोशल मीडिया का उपयोग सबसे अधिक होने लगा है। एेसे में इसके लिए नियम बनाने की आवश्यकता है। डॉ. रवीन्द्र मंगल, मुख्य चुनाव अधिकारी, डूंगर कॉलेज बीकानेर
मिलती है नई ऊर्जासोशल मीडिया पर प्रचार चुनाव का अहम हिस्सा बन चुका है। इसमें युवा शक्ति छात्रसंघ प्रतिनिधि का जोश और उत्साह बढ़ाती है। सोशल मीडिया से नई ऊर्जा मिलती है। छात्र नेता अपना विजन सबके सामने रखता है। यह कम खर्च और अधिक युवाओं तक बात पहुंचाने का अच्छा माध्यम है।मोनिका, कॉलेज छात्रा
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