आशीष जोशीसीकर. प्रदेश में लुटेरी दुल्हन और हनी ट्रेप के मामले बढ़ रहे हैं। तीन सालों में लुटेरी दुल्हन के मामलों में दो से तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। वहीं हनी ट्रेप के मामले भी तीन साल में दो गुने हो गए हैं। पिछले साढ़े तीन सालों में पाली में सबसे ज्यादा लुटेरी दुल्हनें लाखों के गहने और नकदी लेकर रफू चक्कर हो गई। जालोर और सीकर में भी ऐसी दुल्हनों ने ससुराल में खूब लूट मचाई। हनी ट्रेप के सबसे ज्यादा मामले राजधानी जयपुर में सामने आए हैं। जयपुर के बाद पाकिस्तान बॉर्डर से सटे श्रीगंगानगर में भी हनी ट्रेप के ज्यादा मामले चिंता बढ़ा रहे हैं। वर्ष 2018 से अगस्त 2021 तक राज्य में लुटेरी दूल्हन के 94 व हनी ट्रेप के 102 मामले दर्ज हुए हैं। इसके अलावा कई मामले तो लोकलाज में पुलिस थाने तक पहुंचते ही नहीं हैं।प्रदेश में लुटेरी दुल्हनों के मामलेवर्ष दर्ज मामले2018- 112019- 232020- 262021 अगस्त तक- 34हनी ट्रेप के प्रकरण2018 -152019- 312020- 332021 ;अगस्त तक- 23मारवाड़.गोड़वाड़ में लुटेरी दुल्हनों का आतंक2018 से अगस्त 2021 तक पाली, जालौर और सिरोही में लुटेरी दुल्हनों ने 30 घरों को निशाना बनाया। जयपुर में 9, सीकर में 7, बारां में 6, जोधपुर, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़ में 5.5 और चित्तोडगढ़ व बांसवाड़ा में 4.4 मामले दर्ज हुए।
गंगानगर व शेखावाटी में भी बढ़े हनी ट्रेपसाढ़े तीन साल में जयपुर में हनी ट्रेप के 23 मामले दर्ज हुए हैं। इस साल अगस्त तक 5 केस सामने आ चुके हैं। राजधानी के बाद सरहदी जिले गंगानगर में 14, बीकानेर में 6 हनी ट्रेप हुए। शेखावाटी के सीकर और झुंझुनंू जिले में 11 केस दर्ज हुए। एक्सपर्ट व्यू : सामने आएंगे तभी कम होंगे ऐसे मामलेप्रदेश के कुछ इलाकों में लिंगानुपात में सुधार की रफ्तार धीमी है। लड़कियों की कमी के कारण पहले कई जिलों में दूसरे राज्यों से दुल्हनें लाने का ट्रेंड विकसित हो गया था। इसी ट्रेंड के साइड इफैक्ट के रूप में इससे जुड़े गिरोह भी सक्रिय हो गए। लुटेरी दुल्हनों के मामले तो पहले भी सामने आते रहे हैंए लेकिन हनी ट्रेप के अधिकतर मामले लोकलाज में दब जाते थे। हनी ट्रेप के शिकार लोग अब पुलिस तक पहुंचने लगे हैं। सामाजिक जागरूकताए सतर्कता और पुलिस की सक्रियता से ही ऐसे मामलों पर लगाम लगाई जा सकती है।राजन चौधरी, राजस्थान प्रतिनिधि, एसआरकेपीएस
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