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शिवसेना पर धर्म के आधार पर राजनीति छोड़ने का सख्त दबाव, सोनिया गांधी ने पूरा दारोमदार शरद पवार पर छोड़ा

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के सारे समीकरण पलट कर रख दिए हैं और अब शिवसेना के साथ सख्ती बरतते हुए मोल भाव में जुट गए हैं.

महाराष्ट्र में चुनाव के बाद कांग्रेस और एनसीपी आखिरकार सत्ता का चक्रव्यूह भेदने में पूरी तरीके से सफल रही है, इसीकी वजह है शरद पवार.

मगर 80 साल के शरद पवार ने महाराष्ट्र के सारे समीकरण बदल कर रख दिया है और अब शिवसेना के साथ सख्त मूल भाव में जुट गए हैं वैसे भी शिवसेना अब उसका घर पर आ पहुंची है जहां वह मोलभाव करने की हालत में बिल्कुल भी नहीं है सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की पूरी जिम्मेदारी एक तरह से शरद पवार को ही सौंप दी है इतना जरूर है कि कहा जा रहा है कि कांग्रेस और एनसीपी ने पांच पांच नेताओं की एक कमेटी बनाई है

एनसीपी और कांग्रेस शिवसेना पर यह दबाव बना रहे हैं कि वह अपने हिंदुत्व के एजेंडे को फिलहाल पीछे छोड़ दे. जनता के लिए काम करना है, धर्म के आधार पर भेदभाव और बयान बाजी नहीं. धर्म के आधार पर राजनीति बिल्कुल नहीं चलेगी. यह ठीक उसी तरीके से किया जा रहा है जैसे अटल बिहारी वाजपेई ने तीन विवादित मुद्दे छोड़कर सबसे पहले गठबंधन की सरकार बनाई थी. एक और महत्वपूर्ण बात यह भी रखी जाने वाली है कि शिवसेना की अराजक वाली छवि यानी किसी भी दफ्तर में घुसकर मारपीट करना उधम मचाना यह सब छोड़ना होगा.

आपको बताते चलें कि चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा शरद पवार पर कई निजी हमले किए गए. जांच भी बिठाई गई. शरद पवार की पार्टी को खत्म होने की कगार पर बताया गया भाजपा के नेताओं द्वारा और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तो इतना तक कह दिया था कि शरद पवार की राजनीति अब बीते दिनों की बात है. भाजपा के नेताओं ने कहा था कि एनसीपी को 10 सीट भी आ जाए तो बहुत है.

मगर 80 साल के शरद पवार ने महाराष्ट्र के सारे समीकरण बदल कर रख दिया है और अब शिवसेना के साथ सख्त मोल भाव में जुट गए हैं. वैसे भी शिवसेना अब उस कगार पर आ पहुंची है जहां वह मोलभाव करने की हालत में बिल्कुल भी नहीं है.सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की पूरी जिम्मेदारी एक तरह से शरद पवार को ही सौंप दी है.

इतना जरूर है कि, कहा जा रहा है कि कांग्रेस और एनसीपी ने पांच-पांच नेताओं की एक कमेटी बनाई है.इस कमेटी में एनसीपी की तरफ से अजीत पवार, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और नबाब मलिक शामिल होंगे. तो कांग्रेस की तरफ से पृथ्वीराज चौहान,अशोक चव्हाण,बाला साहेब थोरात, मानिक राव ठाकरे और विजय वेदितिवार शामिल हो सकते हैं.

बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एक समन्वय समिति बनाई जाएगी, जिसमें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों दलों के नेता होंगे और एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री 50-50 फार्मूले के आधार पर होगा, यानी पहले ढाई साल तक शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा और फिर बाकी ढाई साल तक एनसीपी का मुख्यमंत्री होगा, क्योंकि दोनों दलों के बीच केवल 2 विधायकों का अंतर है शिवसेना के पास 56 विधायक हैं वहीं एनसीपी के पास 54.

कांग्रेस के पास 5 सालों तक उपमुख्यमंत्री का पद रहेगा और विधानसभा अध्यक्ष भी उन्हीं का होगा. बाकी मंत्रियों का बराबर से बंटवारा किया जाएगा जिसका मुख्यमंत्री होगा उसके 16 मंत्री जिसका उपमुख्यमंत्री होगा उसके 14 मंत्री और कांग्रेस को 12 मंत्री पद मिलेंगे, इसी आधार पर फार्मूला तैयार किया जा रहा है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनसीपी और कांग्रेस ने नई सरकार के कामों का रोडमैप भी तैयार कर लिया है. नई सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी किसानों का पूरा लोन माफ करना, मुस्लिम आरक्षण को बहाल करना, जिसे बीजेपी सरकार ने हटा दिया था, लेकिन यह शिवसेना के घोषणापत्र में है. फसल बीमा स्कीम को सख्ती से लागू करना और न्यूनतम मूल्यों को न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा बनाना.

यानी जो सूत्रों से खबरें मिल रही हैं उसके मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के अगले कुछ कामों की रूपरेखा तैयार है. वजह साफ है नई सरकार ऐसे कामों को अंजाम देना शुरू करें जिससे वह आगे कामों के लिए जनता से वोट मांग सकें. खासकर किसी कारणों से यदि यह सरकार गिर जाती है.

आपको बताते चलें कि अभी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू है, राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने का फार्मूला तैयार कर रहे हैं. और लगातार यह कोशिश कर रहे हैं कि जल्दी से जल्दी आपसी सामंजस्य बिठाकर महाराष्ट्र के अंदर वह सरकार बना सके और भाजपा को सत्ता से दूर रख सकें.

आपको बताते चलें कि आज यानी बुधवार को कांग्रेस नेताओं के साथ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मीटिंग भी हुई है मीटिंग से संबंधित सवाल पूछने पर मीडिया कर्मियों को उद्धव ठाकरे ने जवाब दिया मीटिंग में क्या बात हुई यह सब कुछ मैं आप लोगों को कैसे बता दूं ? इसके अलावा शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत भी आज अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं और उन्होंने भी कहा है कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार जरूर बनाएगी.

आपको बताते चलें कि भाजपा नेता और मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र की स्थिति पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा है कि शिवसेना ने ऐसी शर्त रखी है जो स्वीकार नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि, मैंने और प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही बताया था कि फडणवीस होंगे सीएम.

जबकि शिवसेना लगातार आरोप लगा रही है कि 50-50 फार्मूले पर चुनाव से पहले ही बात हो गई थी,जिसको लेकर भाजपा के नेताओं ने आश्वासन दिया था और अब भाजपा झूठ बोल रही है.

यह भी पढ़े : महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बाद भी सत्ता का संघर्ष जारी, सरकार बनाने के दरवाजे अभी खुले हैं

Thought of Nation राष्ट्र के विचार
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