सीकर. राजस्थान में दस हजार शिक्षकों की भर्ती फिर निकल सकती है। ये शिक्षक विशेष शिक्षक होंगे। जिनकी देशभर में नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट गंभीर हो गया है। दरअसल देशभर में 22.5 लाख दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए महज 28 हजार 535 ही विशेष शिक्षक होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के कड़ा रुख अपनाया है। आगामी तीन महीने में विशेष शिक्षकों के पद भरने का आदेश देते हुए कोर्ट ने राज्य सरकारों से पालना रिपोर्ट भी मांगी है। हालांकि राज्य सरकार ने रीट के जरिए होने वाली भर्ती में एक हजार पद विशेष शिक्षकों के तय किए हैं। लेकिन नई गाइडलाइन पर मुहर लगती है तो राजस्थान में विशेष शिक्षक तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों का आंकड़ा बढ़कर 10 हजार तक पहुंच सकता है। जिससे प्रदेश में नई भर्ती की राह खुल सकती है। इधर, रीट भर्ती 2021 में न्यूनतम पांच हजार पद देने की मांग को लेकर बेरोजगार विशेष शिक्षकों का धरना-प्रदर्शन भी जारी है। प्रदेश में लगभग 88 हजार 500 विद्यार्थी नामांकित हैं, लेकिन इनको पढ़ाने के लिए सरकार के पास पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं है। पिछले दिनों राजस्थान के विद्यार्थियों ने भी निशक्तजन आयुक्त को इस संबंध में पत्र लिखा था। इसके बाद आयुक्त ने शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव को नई भर्ती नहीं होने तक अस्थाई आधार पर विशेष शिक्षक नियुक्त करने के आदेश भी दिए थे।
इस तरह समझें प्रदेश में विशेष शिक्षा की स्थितितृतीय श्रेणी अध्यापक: 2008 से शुरू हुई भर्ती
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से सबसे पहले वर्ष 2008 में विशेष शिक्षकों की भर्ती कराई गई। इसके बाद जिला परिषदों की ओर से विशेष शिक्षकों की भर्ती हुई। पिछली भर्ती में 1500 विशेष शिक्षकों की भर्ती हुई। फिलहाल प्रदेश में लगभग 2500 विशेष शिक्षक हैं।
द्वितीय श्रेणी अध्यापक: अब तक महज एक भर्ती, वह भी पूरी नहीं
2015 में द्वितीय श्रेणी विशेष शिक्षकों की भर्ती की विज्ञप्ति जारी हुई थी। 211 पदों की यह भर्ती अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इस भर्ती में सामान्य शिक्षक व डिप्लोमाधारियों के भी आवेदन करने की वजह से भर्ती उलझ गई थी। दो प्रतीक्षा सूची भी जारी हो चुकी है। द्वितीय श्रेणी में लगभग 190 विशेष शिक्षक कार्यरत हैं।
प्रथम श्रेणी व्याख्याता: पद सृजित हो तो खुले राहसरकार ने कक्षा ग्यारहवीं व बारहवीं में दिव्यांग विद्यार्थियों को अलग-अलग विषय चयन की आजादी दे दी लेकिन पढ़ाने के लिए विषय अध्यापक नहीं है। फिलहाल प्रदेश में एक भी प्रथम श्रेणी व्याख्याता नहीं है। सरकार का तर्क है कि न्यायिक विवाद की वजह से पद सृजित नहीं हो सका।
उच्च शिक्षा: कॉलेज खुला, अब तक भर्ती नहींराज्य सरकार ने विशेष विद्यार्थियों के लिए पहला कॉलेज जयपुर में खोल दिया। लेकिन अभी तक यह विद्यार्थी सामान्य शिक्षकों से ही पढऩे पर मजबूर है। एक बार भर्ती की कवायद हुई थी लेकिन मामला उच्च शिक्षा विभाग और भारतीय पुनर्वास परिषद के बीच ही उलझ कर रह गया था।
दावा: राजस्थान में 40 हजार सामान्य शिक्षकों का विशेष प्रशिक्षण
सरकार की ओर से दावा किया गया है कि देशभर में 4.33 लाख सामान्य शिक्षकों को विशेष विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसमें 40 हजार शिक्षक राजस्थान के हैं। सरकार के प्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या को भी मानें तो भी दस हजार विशेष शिक्षकों की भर्ती करानी पड़ सकती है।
निशक्तजन आयुक्त को लिखा पत्र, खुले भर्ती की राह
प्रदेश में विशेष शिक्षकों की काफी कमी है। कई विद्यालयों में तो सामान्य शिक्षक ही विशेष विद्यार्थियों को पढ़ाने पर मजबूर है। इसलिए सरकार को रीट भर्ती 2021 में कम से कम पांच हजार पदों पर भर्ती करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर निशक्तजन आयुक्त को भी पत्र लिखा है।सुनीता मूण्ड, अध्यक्ष, विशेष योग्यजन कल्याण एवं पुनर्वास समिति सीकर
व्याख्याता के साथ द्वितीय व तृतीय श्रेणी अध्यापकों की हो भर्ती
भारतीय पुनर्वास परिषद की ओर से दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अनुपात तय है। लेकिन ज्यादातर राज्यों में इसकी पालना नहीं हो रही है। प्रदेश में नए संदर्भ केन्द्र भी खुलना प्रस्तावित है। ऐसे में 300 पदों पर द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती होनी चाहिए। प्रथम श्रेणी में एक हजार और तृतीय श्रेणी में पांच हजार पद सृजित करने चाहिए।विपिन प्रकाश शर्मा, प्रदेश संयोजक, राजस्थान विशेष शिक्षक संघ
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