- Advertisement -
HomeRajasthan NewsSikar newsनौकरी नहीं मिलती देख बीच में छोड़ रहे पढ़ाई

नौकरी नहीं मिलती देख बीच में छोड़ रहे पढ़ाई

- Advertisement -

सीकर. तकनीकी पाठ्यक्रमों में नौकरी के अवसर घटते देख युवाओं का इन पाठ्यक्रमों से मोहभंग हो रहा है। ताजा मामला प्रदेश के आईटीआई कॉलेजों से जुड़ा है। प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं से हर साल 25 हजार विद्यार्थी ड्रॉप आऊट हो रहे हैं। इसके पीछे बढ़ी वजह प्रदेश में नियमित रुप से भर्तियों का नहीं होना है। विधायक चन्द्रकांता मेघवाल के सवाल पर विधानसभा में कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता मंत्री ने यह जानकारी दी है। सदन में मंत्री ने बताया कि प्रदेश में आईटीआई के विद्यार्थियों का ड्राप आऊट प्रतिशत कम करने के लिए अभिभावक व अनुदेशकों की नियमित बैठक का निर्णय लिया है। जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने की उम्मीद है।स्वरोजगार एक राहतकनीकी पाठ्यक्रमों से मोह भंग होने के बाद अब युवाओं का जोर खुद के स्टार्टअप की ओर भी बढ़ा है। बेहतर पैकेज की नौकरियां छोडक़र युवा स्वरोजगार की राह अपना रहे हैं। 80 हजार से अधिक सीट खालीप्रदेश के निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की बात करें तो 80 हजार से अधिक सीट इस साल खाली रह गई। हालांकि दो ट्रेड में सीट तो पूरी भरी ड्रॉप आऊट का आंकड़ा बढ़ गया। यदि कॉलेज बंद होने की बात करें तो प्रदेश में एक साल में 13 निजी कॉलेज बंद हुए है। इनमें से पांच महाविद्यालयों पर विभाग ने कार्रवाई की है।एक्सपर्ट व्यू: निजीकरण से घटे रोजगार के अवसरइंजीनियरिंग कॉलेज व औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में पिछले तीन-चार साल में 15 से 35 फीसदी की कमी आई है। इसके पीछे वजह है कि बेहतर पैकेज की नौकरियां छोडक़र युवा इस क्षेत्र पर निजीकरण का सबसे ज्यादा असर हुआ है। राजस्थान में मुश्किल से पांच साल में दो बार इंजीनियरिंग क्षेत्र के युवाओं के लिए भर्ती होती है। इसके लिए सरकारको इस इस सेक्टर में नियमित रुप से भर्ती करनी चाहिए। इंजीनियर महेश चौधरी, सीकर

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -