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मलकेड़ा में सबसे कम मतों से जीती सरपंच, जानें कौन कहां कितने मतों से रहा विजयी

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सीकर.लोकतंत्र के उत्सव में सोमवार को पिपराली पंचायत के मतदाता पूरी तरह रंगे हुए नजर आए। मतदाताओं ने अपने वोट की ताकत के दम अपनी सरकार चुन ली। पंचायत समिति क्षेत्र की 26 ग्राम पंचायतों में मतदान पूरी तरह शांतिपूर्वक हुआ है। गोकुलपुरा ग्राम पंचायत में सबसे ज्यादा 93.17 फीसदी मतदान हुआ। गोकुलपुरा, मलकेडा, शिवसिंहपुरा, पलासरा, राधाकिशपुरा व जुराठड़ा में सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए। यहां के कई दिग्गजों की रणनीति धरी रह गई। मंगलवार को 26 ग्राम पंचायतों में उप सरपंच के चुनाव होने है। मतदान के दौरान जिला प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी कोरोना गाइड लाइन कदम-कदम पर टूटती हुई नजर आई।
मलकेड़ा में छह मतों से जीतमलकेडा ग्राम पंचायत के चुनाव में सबसे नजदीकी मुकाबले में नान कंवर ने जीत हासिल की। यहां त्रिकोण्ीाय मुकाबला था। वहीं शिवसिंहपुरा ग्राम पंचायत में महावीर प्रसाद सैनी ने 43 मतों से जीत हासिल की।
राधाकिशनपुरा में सबसे बड़ी जीत
राधाकिशनपुरा ग्राम पंचायत से रामलाल ने सर्वाधिक मतों से चुनाव जीता। उन्होंने 1993 मतों से जीत हासिल की। इसके अलावा पुरोहित का बास में मनीष कुमावत ने 1124, तारपुरा में संतरा देवी ने 988 व कोलिड़ा में शिवपाल ने 799 मतों से जीत हासिल की।
ये जीते 26 पंचायत
पंचायत विजेता मतों का अंतर
धर्मशाला बेरी शारदा देवी 764बेरी अखिलेश 463कोलिड़ा शिवलाल मील 779तारपुरा संतरा देवी 988 दादिया भवानी शंकर 359 कटराथल शांतिदेवी 498दौलतपुरा दिनेश कुमार 562 भादवासी विमला देवी 215कुड़ली संतोष देवी 39 चैनपुरा बजरंग लाल 201पिपराली संतोष मूंड 223सिंहासन हरीशचंद्र सोनी 352गुंगारा मोहनी देवी 596कुशलपुरा राकेश कुमार 1029रघुनाथगढ़ श्योपाली देवी 545पुराहित का बास मनीषा देवी 1124शिवसिंहपुरा महावीर 43राधाकिशनपुरा रामलाल सैनी 1993गोकुलपुरा हरप्यार देवी 225मलकेड़ा नान कंवर 6बाजौर संगीता देवी 423श्यामगढ़ कमलेश गुर्जर 128राजपुरा सोहनी देवी 145पलासरा रेशम नारनोलिया 401सकराय चौथमल वर्मा 321जुराठड़ा किरणदेवी जाट 185
 
और जीत के सियासी दावे भी
बिजली के मुद्दे पर चुप्पी, इसलिए मिली हार
कांग्रेस के विधायक बिजली की दर बढ़ोतरी के मामले में चुप्पी सांधे रखे। इस कारण आमजन में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। जिले की जनता ने गांवों की सरकार के चुनाव में कांग्रेस को झटका दे दिया है। पिपराली क्षेत्र में भाजपा की विचाधारा में विश्वास रखने वाले ज्यादा सम्पर्क जीते है।
इंदिरा चौधरी, जिलाध्यक्ष, भाजपा
 
80 फीसदी हमारी विचाराधारा वाले सरपंच
कांग्रेस की विचारधारा में आस्था रखने वाले 80 फीसदी से ज्यादा सरपंच जीतकर आए है। गोकुलपुरा जैसी सीट पर भी हमने बाजी मारी है। कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का फायदा मिला है।
पीएस जाट, निर्वतमान अध्यक्ष, कांग्रेस
जनता की नाराजगी आई सामनेपंचायत चुनाव में जनता की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस व भाजपा को कई प्रतिष्ठा वाली सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि पंचायत चुनाव पार्टी के सिम्बल पर नहीं होते है। लेकिन जनता केन्द्र व राज्य सरकार की नीतियों को ध्यान में रखकर निश्चित तौर पर मतदान करती है।
किशन पारीक, जिला सचिव, माकपा
कहां कितने फीसदी मतदान
बाजोर 77.42
बेरी 77.08भादवासी 87.39
चैनपुरा 86.40दादिया 84.74
धर्मशाला 83.48दौलतपुरा 87.53
गोकुलपुरा 93.17गुंगारा 85.54
जुराठड़ा 84.21कटराथल 85.74
कोलीड़ा 83.44कुड़ली 92.17
कुशलपुरा 80.18मलकेड़ा 84.98
पलासरा 83.76पिपराली 83.39
पुरोहित काबास 84.53
राधाकिशनपुरा 81.74
रघुनाथगढ़ 76.94राजपुरा 75.92
सकराय 90.83शिवसिंहपुरा 83.05
श्यामगढ 83.25सिंहासन 82.80
तारपुरा 83.24
जुराठड़ा में पूर्व सरपंच की पत्नी जीतीजुराठड़ा भी पिपराली पंचायत समिति क्षेत्र की हॉट सीट थी। यहां से पूर्व सरपंच सरदार राव की पत्नी किरण राव ने चुनाव जीता है। राजनैतिक रंजिशों की वजह से हत्या हो गई थी। इसके बाद यह ग्राम पंचायत काफी चर्चा में रही। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की नजर भी दिनभर इस ग्राम पंचायत के मतदान से लेकर मतगणना पर टिकी रही।
पिपराली में पूर्व उप्रधान के बेटे की हार
पिपराली भी इस चुनाव में काफी चर्चित सीट रही। यहां से पूर्व उप प्रधान ओमप्रकाश मूण्ड के बेटे विकास मूण्ड को हार मिली। इस सीट पर पहले मूण्ड को बढ़त बताई जा रही थी। लेकिन पिछले दो दिनों में बदले सियासी समीकरणों ने मूण्ड को हार का सामना करना पड़ा। यहां से भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री संतोष मूण्ड चुनाव में जीते है। पूर्व उप प्रधान राजेन्द्र पारीक के भी काफी करीबी है।
गोकुलपुरा में पलटी बाजीपिपराली पंचायत समिति क्षेत्र की गोकुलपुरा में भी शुरूआत में चुनाव कांटे की टक्कर का नजर आ रहा था। लेकिन यहां भी तीन दिनों में सियासी समीकरण बदले। यहां ओमप्रकाश खीचड़ के परिवार के खाते में यह सीट रही। खीचड भी राजेन्द्र पारीक के काफी करीबी है।

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