सीकर. कोरोना वायरस से जंग लडऩे के लिए समाज का हर वर्ग जुट गया है। जब लोगों को मेडिकल स्टोर पर मास्क नहीं मिले तो कुछ महिलाओं ने बचाव के लिए जिम्मा संभाल लिया। घर में ही मास्क बनाकर लोगों को फ्री में बांटने लग गई। इतना ही नहीं महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी इस काम में जुट गए है। वार्ड़ नंबर-12 में रहने वाली लक्ष्मी देवी ने दो दिनों मे घ्र में ही सिलाई कर दो हजार से ज्यादा मास्क बना डाले। घर में ही फ्री मास्क बनाकर वे लोगों को दे रही है। लोगों ने उनसे रुपए लेने का भी आग्रह किया पर, उन्होंने रुपए लेने से इंकार कर दिया। लक्ष्मी के पति राजकुमार व्यवसायी है और घंटाघर के पास दुकान है। वे बताती है कि कई दिनों से बाजार में मास्क नहीं मिल रहे थे। वह खुद सिलाई करना जानती थी। तब अनुराग सहि अन्य लोगों ने उनसे मास्क बनाने के लिए कहा। उन्होंने पहले तो कुछ मास्क के सैंपल बनाए। वे सभी को पसंद आए। इसके बाद दो दिन में दो हजार मास्क बना डाले। उनकी दोनों बेटी रेणू व टीना भी कपड़े की कांट-छांट में मदद करती है। रेणू ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी है और टीना आठवीं कक्षा में पढ़ रही है। उनकी पहल को समाज के काफी लोगों ने सराहा।
बचाव के लिए छेड़ी मुहिम : पुष्पा देवीमास्क ही नहीं बचाव भी बहुत जरूरी है। ये कहना है पुष्पा देवी का। उन्होंने पहले तो मास्क बनाना सीखा। इसके बाद दो दिन में सात सौ मास्क बना कर लोगों को बांट दिए। पिछले दो दिनों से वे घर में ही मास्क बनाने के काम में लगी हुई है, हालांकि वे पहले से ही सिलाई का काम जानती थी। घर के छोटे-मोटे सिलाई के काम करती थी। उनके पति नरेश कुमार ठेकेदार है। लोगों ने उनसे मास्क बनाने के लिए आग्रह किया तो वे बनाने के लिए तैयार हो गई। उनके पति ने भी उनका काफी सपोर्ट किया। पहले लोगों ने उनसे 10 रुपए मास्क के लेने के लिए कहा तो उन्होंने लेने से मना कर दिया। ऐसे ही कुछ लोग है जो ऐसी परिस्थिति में समाज की सेवा कर रही है।
महिला शक्ति को सलाम : कोरोना से जंग में जुटी, तीन दिन में ढाई हजार मास्क बनाकर बांटे
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