सीकर. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए प्रदेशभर में रविवार को हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के आसान प्रश्न पत्र ने बेरोजगारों की मास्टरी की उम्मीदों को और पंख लगा दिए। आसान प्रश्न पत्र से रीट के दोनों लेवलों की कट ऑफ में उछाल आने की पूरी उम्मीद है। एक्सपर्ट की मानें तो इस बार औसत तौर पर दोनों लेवल में 110 से 125 अंकों तक कट ऑफ पहुंच सकती है। द्वितीय लेवल के मुकाबले प्रथम लेवल का प्रश्न पत्र आसान होने से कट ऑफ ज्यादा बढऩे की संभावना है। पुराने रीट व आरटेट प्रमाण पत्रों की वैद्यता समाप्त होने सहित कई कारणों की वजह से इस बार राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने प्रश्न पत्र का स्तर औसत ही रखा। इससे ज्यादा बेरोजगार नौकरी की दौड़ में बने रहेंगे। इधर, शेखावाटी में रीट परीक्षा की वजह से रविवार को दिनभर बेरोजगारों का मेला नजर आया। शेखावाटी में बेरोजगारों की विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से पावणों जैसी आवभगत की गई।
प्रथम लेवल: उम्मीदों से आसान रहा पेपर, बढ़ेगी कट ऑफ
रीट प्रथम लेवल का प्रश्न पत्र अभ्यर्थियों की उम्मीदों से भी आसान रहा। ऐसे में द्वितीय लेवल के अभ्यर्थी प्रथम लेवल के अभ्यर्थियों को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि प्रथम लेवल में हिन्दी का पार्ट सबसे कठिन रहा। इसके अलावा अंग्रेजी, संस्कृत, गणित व पर्यावरण अध्ययन से काफी आसान सवाल पूछे गए।
कट ऑफ: सभी विषयों में 115 से 125 तक उम्मीदपिछली रीट भर्ती के मुकाबले इस बार प्रश्न पत्र का स्तर सरल रहा। एक्सपर्ट की मानें तो गणित-विज्ञान, हिन्दी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान की कट ऑफ 115 से 125 तक रहने का अनुमान है।
सबसे ज्यादा कट ऑफ: सामाजिक विज्ञान में सबसे ज्यादा मारामारी
इस बार वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों को भी सामाजिक विज्ञान में शामिल किया गया है। लगभग आठ लाख से ज्यादा अभ्यर्थी इसी श्रेणी के है। ऐसे में इस वर्ग में सबसे ज्यादा कट ऑफ रहेगी। पिछली भर्ती के मुकाबले चार से पांच नंबर तक कट ऑफ में उछाल आ सकता है।
रीट द्वितीय लेवल: सवा लाख से ज्यादा अभ्यर्थी रहेंगे कड़ी टक्कर मेंरीट द्वितीय लेवल में अभ्यर्थियों की उम्मीदों से काफी सरल प्रश्न पत्र आया। एक्सपर्ट का दावा है कि पहली आरटेट परीक्षा के बाद हुई परीक्षाओं में यह सबसे सरल प्रश्न पत्र था। इससे कट ऑफ निश्चित तौर पर बढ़ेगी। इस बार भी सबसे ज्यादा मारामारी एसएसटी में देखने को मिलेगी। ऐसे में इस बार सवा लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों के बीच नौकरी की कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।
पत्रिका खास: इस बार आसान क्यों आया रीट का प्रश्न पत्र
1. ढ़ाई साल से तैयारी में जुटे अभ्यर्थी:रीट की परीक्षा पांच बार स्थगित हो चुकी थी और अभ्यर्थी लगातार ढ़ाई साल से तैयारी में जुटे थे। इस बजह से काफी अभ्यर्थियों की तैयारी बेहतर हुई। कोरोना की वजह से हजारों अभ्यर्थियों की तैयारी प्रभावित भी हुई। इस वजह से बोर्ड ने औसत विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए दोनों लेवल का आसान पत्र तैयार कराया।
2. निजी स्कूलों में अनिवार्य, इसलिए सरल पेपर:
शैक्षिक अनुसंधान परिषद के अनुसार निजी व सरकारी स्कूलों में रीट पास अभ्यर्थी ही अध्यापन करा सकते है। ऐसे में बोर्ड ने रीट पास कराने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए इस तरह का प्रयोग किया है। इससे 90 नंबर के स्कोर को ज्यादा अभ्यर्थी पार कर सकेंगे।
3. आठ लाख प्रमाण पत्र रद्द:रीट व आरटेट के आठ लाख प्रमाण पत्र रद्द हो चुके है। ऐसे में भविष्य में यदि इसी रीट के आधार पर दुबारा कोई शिक्षक भर्ती करानी पड़ी तो नए अभ्यर्थियों के बीच भी प्रतिस्पर्धा हो सके। इसलिए आसान पेपर पैटर्न का फॉर्मूला अपनाया गया।
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