आनंद मणि त्रिपाठीश्रीनगर/जयपुर । Independence Day : नए भारत का नया कश्मीर हर दिन नई इबारत लिख रहा है। फिर बात भाईचारे की हो या अमन की। वादी-ए-कश्मीर में यह स्वतंत्रता दिवस 72 वर्षों में न केवल सबसे अलग होगा, बल्कि कई मायने में अविस्मरणीय भी होगा।
इसमें राजस्थान का खास योगदान होगा, जब देश की महिला BSF अधिकारी कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में बीएसएफ दस्ते का अगुवाई करते हुए तिरंगे को सलामी देंगी। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बीकानेर की बेटी तनुश्री की। वे एनसीसी कैडेट रही हैं। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने महिला एवं लैंगिग मुद्दों पर शोध किया। इसके बाद वे बनी बीएसएफ की सहायक कमांडेट।
वे पुरुषों के साथ कदमताल करते हुए कुपवाड़ा स्थित एलओसी पर देश को अपनी सेवाएं दे रही हैं। तनुश्री ( BSF first woman combat officer ) ने पत्रिका से बातचीत करते हुए कहा कि यह मेरे लिए अविस्मरणीय है कि मुझे कश्मीर में यह मौका मिला है।
जहां तक बात कश्मीर के माहौल की है तो सुरक्षाबलों के लिए हमेशा ही चुनौतीपूर्ण रही हैं। मौजूदा माहौल के लिए हम पहले भी तैयार थे और अब भी। कहीं भी किसी नागरिक को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
बीकानेर की बेटी13000 फीट की ऊंचाई पर पाकिस्तानी चौकी के ठीक सामने तैनात तनुश्री कहती हैं कि सरहद पर दुश्मन सामने होता है और आतंरिक सुरक्षा में दुश्मन आपके चारों तरफ होता है। 365 डिग्री यानी 360 से पांच डिग्री ज्यादा। ऐसी स्थिति में हर किसी को चौकन्ना रहना होता है। तनुश्री इससे पहले पंजाब में तैनात थीं।उन्होंने कहा, ‘बीएसएफ अधिकारियों ने कश्मीर की जगह कोई अन्य प्रदेश चुनने का भी विकल्प दिया था, लेकिन परिवार से मिले साहस की बदौलत उन्होंने घाटी में ही अपनी पोस्टिंग चुनी। संचार साधन बंद होने से आठ दिनों से वह भी परिवार से संपर्क नहीं कर पा रही हैं, मगर जब राजस्थान पत्रिका में उनकी तस्वीर और पत्रिका टीवी पर उनकी मुस्कान उनका परिवार देखेगा तो वही उनके लिए बेटी का संदेश होगा। कुछ दिनों के लिए यह समस्या है। यह समय है निकल जाएगा।
कश्मीर में तिरंगे को सलामी देगी राजस्थान की बेटी तनुश्री, देश की पहली महिला BSF अफसर हैं तनुश्री
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