अलवर.police lathi charge अलवर पुलिस की बर्बता कार शिकार आदिवासी मीणा समाज के प्रदेशाध्यक्ष अमरचन्द मीणा की पिटाई और कुर्ता फाडऩे का वीडियो वायरल होने के बाद अलवर एसपी ने पुलिस की गलती मान ली और कोतवाल कन्हैयालय को निलम्बित कर दिया। इसके अलावा पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को थमा दी। फिर भी मामला ठण्ठा नहीं पड़ा। पुलिस की पिटाई का शिकार पीडि़त अमरचंद ने कहा कि अब आगे का निर्णय समाज करेगा। पूरे राजस्थान से समाज के लोगों के फोन आ हैं। जिसको लेकर गुरुवार को सुबह दस बजे जगन्नाथजी मंदिर में बैठक होगी। जिसमें सांसद किरोड़ी लाल मीणा सहित समाज के कई बड़े नेताओं के पहुंचने की तैयारी है। समाज के लोगों का साफ कहना है कि केवल एक पुलिस अधिकारी को निलम्बित करना पर्याप्त कार्रवाई नहीं है। जितने
भी दोषी हैं सबके खिलाफ कार्रवाई की मांग ने जोर पकड़ लिया है। इसके अलावा राजर्षि कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष पद के वोटों की पुनर्मतगणना कराने का दबाव भी बनाया जाएगा।गुस्सा इसलिए भडक़ रहा
अमरचंद मीणा फौजी रहे हैं। वे राजर्षि कॉलेज के बार छात्रों के साथ खड़े हैं। पुलिस अधिकारी से बार-बार कह रहे हैं ‘आप ही देख लो साब’ । फिर भी कोतवाल व अन्य पुलिसकर्मी थप्पड़ पे थप्पड़ मारते रहे। गाली-गलौच भी जमकर की। एक-दो धक्केदेने के बाद भी नहीं रुके। कुर्ता पकडकऱ खीचते। कभी थप्पड़ मारते। यह वीडियो वायरल होने के बाद पूरे समाज में गुस्सा भडक़ गया।
कोतवाल को निलम्बित करने के बाद लगा मामला शांत, लेकिन ऐसा नहीं…गुरुवार दोपहर को पुलिस अधीक्षक से मिलने के बाद अमरचंद ने कहा कि कोतवाल को निलम्बि कर दिया ठीक है। आगे समाज के लोगों से भी बात करेंगे। लेकिन, शाम के वक्त अमरचंद मीणा ने कहा कि समाज के लोगों में घटना को लेकर बड़ी नाराजगी है। मैं समाज से बड़ा नहीं हूं। अब इस मामले से पूरे समाज की भावना जुड़ चुकी हैं। समाज की आगे का निर्णय करेगा। इतना जरूर कहता हूं कि किसी तरह का दंगा-फसाद नहीं होने दूंगा। जिससे आमजन को कोई तकलीफ हो।
पुलिस का ऐसा बर्ताव सोच नहीं सकतेअमरचंद मीणा ने कहा कि वह फौजी है। अनुशासन अच्छे से समझता है। छात्रसंघ चुनाव परिणाम के बाद बच्चों की भावनाओं को समझते हुए उनके पास गया था। बच्चों की मांग को प्रशासन के सामने रखना चाहते थे। लेकिन, पता नहीं अचानक पुलिस ने आते ही लाठी बरसाना शुरू कर दिया। कोतवाल की बदसलूकी को तो लाखों लोगों ने वीडियो में देख लिया है। इस तरह मारपीट करने लगे मानो कोई आतंकी पकड़ लिया हो।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा तुरंत कार्रवाई का दबाव बनायानगर परिषद के नेता प्रतिपक्ष नरेन्द्र मीणा ने बताया कि इस मामले में आमजन से पुलिस का बर्ताव बेहद आपत्तिजनक रहा। इस घटनाक्रम के बारे में हमने सरकार को भी अवगत कराया है। उसके बाद पुलिस अधीक्षक ने तुरंत कोतवाल को निलम्बित किया है। ऐसे मामले में सरकार का भी स्पष्ट कहना है कि बेवजह किसी व्यक्ति के साथ बर्बतापूर्वक मारपीट करने वाले बख्शे नहीं जा सकते।
रात को ही आने लगे लोग, सभा की तैयारी भी
इस मामले को लेकर रात को ही मीणा समाज के लोगों का अलवर आना शुरू हो गया था। इसके अलावा जगन्नाथजी मंदिर पर सभा की तैयारी भी शुरू हो गई थी। जिसको लेकर पुलिस-प्रशासन भी सतर्क हो गया।
सभा हुई तो ये मांग उठेंगी
कोतवाल के अलावा मारपीट करने वाले दूसरे पुलिसकर्मियों का भी निलम्बन हो, वहां मौजूद पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा राजर्षि कॉलेज में पुनर्मतगणना को लेकर यह पूरा विवाद बना। पुनर्मतगणना हो। एक-एक वोट दिखाकर रिकाउंटिंग की जाए।
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