सीकर. कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने सुरक्षा के लिए सड़क पर खड़े सिपाही को खौफ में ला दिया है। नियम तोड़कर बेवजह सड़क पर बे वजह घूमने वालों को कार्रवाई करने वाला यह सिपाही भले ही बुरा लगता हो, लेकिन संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों के बीच वह अपनी पीड़ा खुलकर उजागर नहीं कर सकता। गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए जूझ रहे इस सिपाही के पास अपनी सुरक्षा का क्या इंतजाम है? पत्रिका ने पता करना चाहा तो जवाब बस एक ही था, मास्क और सेनेटाइजर। पुलिस में बढ़ते संक्रमण की स्थिति यह है कि दूसरी लहर में जिले के छह थानों की पुलिस इसकी चपेट में आ गई है। वहीं एसपी ऑफिस और कंट्रोल रूम में भी संक्रमण की आहट हो गई है। कंट्रोल रूम में सिपाही के पॉजिटिव आने पर पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार को कंट्रोल रूम के पूरे स्टॉफ को आइसोलेशन में भेज दिया। एसपी ऑफिस में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को अस्वस्थ होने पर तत्काल छुट्टी देने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही संक्रमण से बचाने के लिए दूसरे प्रयासों पर मंथन शुरू किया गया है।फील्ड और ऑफिस में हैं खतरागाइडलाइन की पालना करवाने के लिए जिले भर की पुलिस वर्तमान में सड़कों पर तैनात है। थानों में महज दस फीसदी सिपाही और अधिकारी ही रहते हैं। ऐसे में खतरा फिल्ड में तैनात पुलिस के जवानों को ज्यादा है। वजह है कि इस दौरान वाहन को रोकने के साथ उसकी जांच और कागजात भी तैयार किए जाते हैं। ऐसे में पॉइंट पर तैनात पुलिस का सिपाही सीधा संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आ सकता है। दूसरा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात पुलिस और मंत्रालयिक सेवा के कर्मचारियों का आंकड़ा देखे तो करीब डेढ़ सौ कर्मचारी अधिकारी तैनात है। वर्तमान में बीमार को छोड़कर सभी कर्मचारी ड्यूटी पर आ रहे हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेसिंग की पूरी पालना संभव नहीं है। जानकारों का मानना है कि पुलिस मुख्यालय में 50 फीसदी कर्मचारियों को बुलाकर कार्य करवाया जा रहा है। ऐसा अगर जिला स्तर पर भी कर लिया जाए तो संक्रमण फैलने का खतरा कम हो सकता है।मुख्य पुलिस थानों में हो चुकी है दस्तककोराना संक्रमण की दूसरी लहर ने अब तक जिले के छह थानों को अपनी चपेट में लिया है। शहर कोतवाली, फतेहपुर कोतवाली, बलारा, श्रीमाधोपुर, दांता सहित छह थानों में अधिकारी और सिपाही पॉजीटिव आ चुके हैं। गुरुवार तक पुलिस के 18 जवान संक्रमित हो चुके थे।एसपी बोले: जनता समझे तो रुके संक्रमणपुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप का कहना है कि संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए जनता को जागरूक होना होगा। सड़क पर खड़ा जवान तो संक्रमण के खतरों के बीच अपनी ड्यूटी कर रहा है। सुरक्षा के लिए जवानों को डबल मास्क पहनने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सभी को सेनेटाइजर उपलब्ध करवाया गया है। कंट्रोल रूम के सिपाही के संक्रमित मिलने पर पूरे स्टाफ को होम आइसोलेशन में भेजा गया है। थानों और कार्यालय में भी संक्रमण के रोकने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। अस्वस्थ्य होने पर तत्काल घर भेजा जाता है।
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