आशीष जोशी
सीकर. गायों के नाम पर हर साल राजकोष में फंड बढ़ रहा है, लेकिन खर्च की रफ्तार धीमी है। राज्य सरकार ने तीन वर्ष में 2000 करोड़ की राशि गौ सेस के रूप में जुटाई, लेकिन इसमें से 1279 करोड़ रुपए ही गायों पर खर्च किए गए हैं। गौ सेस की राशि से गौशालाओं को ऊंट के मुंह में जीरे समान अनुदान दिया है। वहीं गौशाला विकास और बायोगैस सहभागिता योजना में सरकार ने वर्ष 2019-20 में एक रुपया भी खर्च नहीं किया। यही वजह है कि सरकार हाईकोर्ट में गायों के नाम पर वसूले फंड और खर्च का हिसाब देने से बच रही है। गौसंरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम, 2016 के अंतर्गत प्रदेश की पात्र गौशालाओं में संधारित गोवंश के भरण-पोषण के लिए बड़े गौवंश को 40 एवं छोटे गौवंश के लिए 20 रुपए प्रति गौवंश प्रतिदिन की दर से दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 180 दिवस की सहायता राशि 90-90 दिन के हिसाब से दो चरणों में दिया जाना निर्धारित किया हुआ है।——————-यों समझें गायों के फंड के खर्च का गणितगौशालाओं को दी सहायता राशि
2018-19 : 24057.45 लाख2019-20 : 46245.05 लाख2020-21 : 56548.39 लाख
जिला स्तरीय नंदीशाला जनसहभागिता2019-20 : 225 लाख2020-21 : 495 लाख
गोशाला विकास योजना2019-20 : -2020-21 : 344.60गोशाला बायोगैस सहभागिता
2019-20 : -2020-21 : 20.60
गौ संरक्षण व संवर्धन पर कुल खर्च : 1279.36 करोड़—————————
पंचायत समिति स्तर पर नहीं बनी नंदी शालाएंसरकार ने 2019-20 के बजट में बेसहारा पशुओं की समस्या से निजात पाने के लिए प्रत्येक पंचायत समिति पर नंदीशालाएं स्थापित करने की घोषणा की थी। इनमें से एक भी नंदीशाला बनकर तैयार नहीं हुई है। प्रत्येक पंचायत समिति में 1.57 करोड़ से नंदी गोशाला का निर्माण किया जाना है। योजना पर करीब 651 करोड़ रुपए की राशि खर्च होनी है।
—-इस तरह करना है गौ सेस का उपयोग
– पात्र गौशालाओं में संधारित गौवंश के भरण-पोषण के लिए सहायता राशि।- गौशालाओं में आधारभूत निर्माण कार्य के लिए गौशाला जनसहभागिता विकास योजनान्तर्गत 90:10 के अनुपात में अधिकतम 10 लाख प्रति गौशाला दिए जाने का प्रावधान।
– गौशाला बायोगैस सहभागिता योजना के तहत प्रति बायोगैस प्लांट पर लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि 40 लाख तक का अनुदान।- निराश्रित नर गौवंश के संरक्षण के लिए नंदीशाला जन सहभागिता योजना।
—-सरकार ने दो बार मांगी मोहलत
हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में बीकानेर गौशाला सेवा समिति व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने 2016 के नियमों के तहत अब तक एकत्र की गई निधि और खर्च का विवरण मांगा है। सरकार जवाब के लिए दो बार मोहलत मांग चुकी है।—–
फैक्ट फाइल2993 पंजीकृत गौशालाएं हैं प्रदेश में
10.04 लाख गौवंश हैं इन गौशालाओं में12.72 लाख बेसहारा पशु हैं सडक़ों पर
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