सीकर. जिले के सबसे बड़े कल्याण अस्पताल की अव्यवस्थाएं मरीजों राहत देने की बजाए आहत कर रही है। इसकी बानगी है कि अस्पताल में उपचार की आस लेकर दूर दराज के मरीजों को दवा पर्ची कटवाने से लेकर निशुल्क दवा लेने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इन दिनों मौसमी बीमारियों के कारण आउटडोर रोजाना औसतन डेढ़ हजार तक पहुंच गया है। इसके बावजूद अस्पताल में दवा काउंटर की संख्या को न तो बढ़ाया गया है और न ही दवा वितरण के लिए फार्मासिस्ट की सही व्यवस्था की गई है।
इससे मरीजों को मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। मजबूरी में मरीजों को दवा के लिए निजी दवा केंद्रों पर जाना पड़ रहा है। रही सही कसर किसी फार्मासिस्ट के अवकाश लेने से हो जाती है। पूर्व में डीडीसी काउंटर पर टोकन के जरिए दवा वितरण की योजना बनाई गई थी, लेकिन कमजोर इच्छाशक्ति के कारण योजना को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। गौरतलब है कि कल्याण अस्पताल में आठ डीडीसी स्वीकृत है लेकिन महज तीन से चार डीडीसी ही खुल पाती है।जहां नहीं जरूरत वहां लगाए फार्मासिस्टराजकीय श्री कल्याण अस्पताल में फार्मासिस्ट की ड्यूटी प्रबंधन की ओर से तय की जाती है। प्रबंधन ने अस्पताल के 15 फार्मासिस्ट में से दस को कल्याण अस्पताल में लगाया है। इनमें से दो फार्मासिस्ट की ड्यूटी सांवली कोविड अस्पताल में लगी हुई है, जहां पिछले दो माह से एक भी मरीज भर्ती नहीं है। ऐसे में वहां से फार्मासिस्ट को यहां लगा दिया जाए तो एक बंद डीडीसी खुल जाएगी और मरीजों को भी राहत मिल जाएगी।अब पेंशनर्स को मिलेगी आउटडोर उपचार की सुविधा सीकर. राजस्थान पेंशनर समाज की मासिक बैठक बुधवार को चौधरी मामराज सिंह की अध्यक्षता में डाक बंगले में रखी गई। बैठक में पेंशनरों को मेडिकल डायरी के माध्यम से आउट डोर उपचार की सुविधा शुरू होने की जानकारी दी गई। जिलामंत्री ओंकार सिंह नृसिंहपुरी ने बताया कि राज्य सरकार ने पेंशनरों के लिए निशुल्क चिकित्सा योजना लागू की है। ई-मित्र पर जाकर पेंशनर्स अपना रजिस्ट्रेशन कर आरजीएस कार्ड बनवा सकते हैं। इस दौरान महावीर खंडेला, आशाराम शास्त्री, बिरजु सिंह शेखावत, मोहन सिंह, रिछपाल सिंह खोखर, गंगाधर शर्मा आदि मौजूद रहे।
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