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पटवार भर्ती में करवा चौथ के दिन लगा दी महिला शिक्षकों की ड्यूटी, जबकि अभ्यर्थियों को राहत

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सीकर.राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से होने वाली पटवार भर्ती परीक्षा में करवा चौथ के दिन महिला शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगा दी। जबकि परीक्षा में शामिल होने वाली पांच लाख से अधिक महिलाओं को राहत देने के लिए एक दिन पहले ही परीक्षा कराने का दावा किया है। चयन बोर्ड के दोहरे निर्णय प्रदेशभर की महिला शिक्षिकाओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। जयपुर सहित अन्य जिलों में होने वाली इस परीक्षा में लगभग 60 हजार महिला शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगा दी है। महिलाओं की पीड़ा है कि दिनभर ड्यूटी के बाद भी चांद दिखने तक घर पहुंचना मुश्किल काम है। महिलाओं ने बुधवार से मुख्यमंत्री को अपना दर्द बताने के लिए पत्र लिखना शुरू किया है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड में फिर तालमेल की कमी सामने आई है। दरअसल, चयन बोर्ड की ओर से दो दिन पटवार भर्ती की परीक्षा कराई जा रही है। 24 अक्टूबर को होने वाली परीक्षा में लगभग आठ लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। इनकी परीक्षा के लिए लगभग 90 हजार शिक्षकों की ड्यूटी लगी है। इसमें से 60 हजार महिलाएं भी है। इस मामले में महिला अधिवक्ताओं का यह महिला अधिकारों का सीधे तौर पर हनन है।
जयपुर से ड्यूटी कर कैसे आएंगे सीकरमहिला शिक्षिका स्वेता शर्मा ने बताया कि वह सांगानेर में व्याख्याता के पद पर कार्यरत है। पटवार भर्ती में उनकी ड्यूटी है। इस दिन परीक्षा साढ़े पांच बजे तक पूरी होगी। ऐसे में स्कूल से यदि साढ़े पांच बजे रवाना होते है तो भी आठ बजे तक सीकर पहुंचना मुश्किल है।
महिलाओं को राहत दे सरकारजयपुर में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापिका सुमन चौधरी का कहना है कि पटवारी भर्ती का आयोजन करवा चौथ के दिन नहीं होना चाहिए था। इससे महिला अभ्यर्थियों के साथ महिला कर्मचारियों को काफी परेशानी होगी। कर्मचारी चयन बोर्ड को जल्द बदलाव कर महिला कर्मचारियों को राहत देनी चाहिए।
इधर, अभ्यर्थियों को भी होगी परेशानीकरवा चौथ के दिन परीक्षा होने से अभ्यर्थियों को भी काफी परेशानी होगी। परीक्षा में शामिल होने वाली अभ्यर्थी सुनीता व राधा का कहना है कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने पहले ही 200 से 300 किलोमीटर दूर तक सेंटर दिए है। ऐसे में सैकड़ों महिलाओं का व्रत खोलने के समय तक भी घर पहुंचना मुश्किल है।
बड़ा सवाल: चयन बोर्ड को पता था फिर लापरवाही क्योंकर्मचारी चयन बोर्ड को 24 अक्टूबर को करवा चौथ होने का पहले से पता था। इसलिए परीक्षा में शामिल होने वाली लगभग पांच लाख महिलाओं की परीक्षा 23 अक्टूबर को कर दी गई। ऐसे में सवाल है कि इस दिन परीक्षा लेने वाली वीक्षकों को लेकर आखिर क्यों मंथन नहीं हुआ। जानकारों का कहना है कि महिला वीक्षकों की भी 23 अक्टूबर को ड्यूटी लगाई जा सकती है।
इनका कहना है24 अक्टूबर को महिला शिक्षिकाओं की पटवार भर्ती परीक्षा में ड्यूटी लगाना गलत है। इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। करवा चौथ का व्रत पहले से तय था। इसके बाद भी चयन बोर्ड ने इसी दिन परीक्षा कराई है। प्रतियोगी परीक्षाओं का पहले से कलैण्डर निर्धारित होना चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की गलती नहीं हो।विपिन शर्मा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
भाजपा का भी सियासी हमला, सामने आ गया सरकार का महिला सम्मानकांग्रेस नेता प्रियंका गांधी यूपी में महिलाओं की भागीदारी को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है। जबकि उनकी पार्टी की राजस्थान में सरकार है यहां महिलाओं के साथ लगातार अत्याचार बढ़ रहे है। अब सरकार खुद अत्याचार करने पर तुल रही है। जब सरकार महिला अभ्यर्थियों की परीक्षा एक दिन पहले ले सकती है तो फिर महिला शिक्षकों की ड्य़ूटी भी एक दिन पहले लगाई जा सकती थी। प्रदेश की महिलाएं समय आने पर सरकार को करारा जवाब देगी।अनिता शर्मा, जिलाध्यक्ष, भाजपा महिला मोर्चा

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