सीकर.एक तरफ राज्य सरकार की ओर से गांव-ढाणियों तक स्वास्थ्य ढंाचे को मजबूत करने के लिए कोविड सहायक से लेकर हेल्थ कन्सलटेंट लगाए जा रहे है। दूसरी तरफ महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से रिक्त पदों को भरने की सीकर जिले में अभी तक कोई तैयारी नहीं है। जिले की दस हजार महिलाओं को महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से होने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य पदों की भर्ती का इंतजार है। जबकि खुद विभाग की निदेशक कई बार निर्देश दे चुकी है कि रिक्त पदों पर जल्द चयन किया जाए जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी नहीं हो। इसके बाद भी सीकर जिले का महिला एवं बाल विकास अमले की नीद नहीं टूट रही है। विभाग में सेवा देने की इच्छुक महिलाओं की ओर से कई बार डीडी कार्यालय तो कई बार सीडीपीओ कार्यालयों में चक्कर लगाए जाते हैं। लेकिन जिम्मेदारों की ओर से महज आश्वासन देकर टरका दिया जाता है। इस वजह से महिलाओं में विभाग के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। महिलाओं का कहना है कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का काफी अहम रोल सामने आया था। ऐसे में रिक्त पदों की वजह से सिस्टम की चुनौती बढ़ सकती है।
जिलेभर में 90 से अधिक पद रिक्तमहिला एवं बाल विकास व स्वास्थ्य विभाग की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, सहयोगिनी व साथिन की नियुक्ति की जाती है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिए बच्चों के पालन-पोषण से लेकर गर्भवती महिलाओं को विभिन्न योजनाओं का फायदा दिया जाता है।
जबकि कई जिलों में कोरोनाकाल में दो बार भर्तीप्रदेश के कई जिलों में कोरोनाकाल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य के रिक्त पदों के लिए दो बार भर्ती के लिए आवेदन लिए जा चुके है। कई महिला संगठनों का आरोप है कि जिले में चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए रिक्त पदों को गुपचुप भरे जाने का पहले भी खेल हो चुका है। इस संबंध में महिलाओं की ओर से पिछले दिनों जिला कलक्टर व जिला परिषद सीईओ के कार्यालय में भी शिकायत दी थी। अब महिलाओं की ओर से इस मामले में जल्द जिला प्रमुख को पूरी मामले की जानकारी दी जाएगी।
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