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‘अब मुझे भी जाने दो’.. पत्नी की अंतिम यात्रा से पहले पति ने कहकर त्याग दिए प्राण, एक ही चिता हुई अंत्येष्टि

(Husband also died after seeing his wife’s dead body) सीकर/नेछवा. राजस्थान के सीकर जिले के काछवा गांव में एक पति ने पत्नी ने साथ जीने मरने का वादा पूरा किया। गांव में बुधवार रात को पहले पत्नी की मौत हुई। फिर जब गुरुवार को पत्नी की अंतिम यात्रा की तैयारी चल रही थी, तभी वियोग में पति ने भी प्राण त्याग दिए। बाद में दोनों का गमगीन माहौल में एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।
मरने से पहले कहा ‘अब मुझे भी जाने दो’जानकारी के अनुसार काछवा गांव निवासी 78 वर्षीय रामगोपाल भाटीवाड़ा की पत्नी 75 वर्षीय भंवरी देवी मधुमेह से पीडि़त थी। बुधवार रात करीब डेढ़ बजे अचानक भंवरी देवी की तबीयत बिगड़ गई थी। जिसे परिजन गांव के ही एक चिकित्सक को दिखाने के लिए रवाना हुए। लेकिन रास्ते में ही भंवरी देवी ने दम तोड़ दिया। जिसे चिकित्सक ने जाते ही मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद पूरे घर में कोहराम मच गया। परिजनों ने पूरी रात रो- रोकर गुजारी। पति रामगोपाल ने भी डबडबाई आंखों में ही रात काटी। सुबह सूचना पर रिश्तेदार व नजदीकी लोग घर पहुंच गए। जिसके बाद भंवरी देवी के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी गई। लेकिन, इसी बीच पत्नी वियोग में गमगीन रामगोपाल भाटीवाड़ा अचानक भाव विह्वलता में बेचैन हो उठे। बहू-बेटों ने संभाला तो बस इतना कहा कि ‘अब मुझे भी जाने दो’। इन्हीं अंतिम शब्दों के साथ रामगोपाल ने प्राण त्याग दिए। अचानक हुई इस घटना से सब अवाक रह गए। पहले से गमगीन माहौल में हालात और ज्यादा बिगड़ गया। परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल हो गया। बड़ी मुश्किल से परिजनों को संभालते हुए गमगीन माहौल में दोनों पति- पत्नी की एक साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। मोक्षधाम में दोनों का अंतिम संस्कार भी एक ही चिता पर किया गया।
स्वस्थ थे रामगोपालरामगोपाल व भंवरी देवी का भरा पूरा परिवार था। उनके दो बेटे और तीन बेटियां है। सरपंच रामावतार शर्मा ने बताया कि रामगोपाल धार्मिक व मिलनसार व्यक्ति थे। 78 वर्ष की आयु होने के बाद भी बिल्कुल स्वस्थ थे। उन्हें कोई बीमारी नहीं थी। पति- पत्नी की एक साथ मौत से पूरे गांव को झटका लगा है।

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