एम आई जाहिर/ जोधपुर. जोधपुर शहर साहित्य जगत में बहुत चर्चित रहा है। यहां रहते हुए हिन्दी में अज्ञेय और नामवरसिंह, उर्दू में शीन काफ निजाम तो राजस्थानी में विजयदान देथा जैसी शख्सियतों ने अपने शानदार लेखन से साहित्य ( Literature ) में खूब नाम कमाया। इन भाषाओं में आज भी नई खेप एेसी है जो साहित्य में सार्थक उपस्थिति दर्ज करवा रही है। इस सूची में अंग्रेजी के रचनाकारों के नाम कम ही सुनने को मिलते हैं। जोधपुर की युवा उपन्यासकार ( Novelist ) तन्वी व्यास ( Tanvi vyas ) ने अंग्रेजी साहित्य ( English literature )में जोधपुर का डंका बजा कर यह खामोशी तोड़ दी है। उनकी स्कूलिंग जोधपुर में हुई है और उन्होंने फैशन डिजाइनिंग में डिग्री ली है। उनका पहला नॉवल जर्नी टू हिज हार्ट ( journey to his heart ) सन 2017 में प्रकाशित हुआ था। अब दूसरा नॉवल इफ इट वाज अबाउट यु एंड मी ( If it was about you and me ) हाल ही छपा है। उनका खूबसूरत लेखन देख कर सभी सुखद आश्चर्य करते हैं। उनके लेखन ने अंग्रेजी के साहित्यकारों का भी ध्यान उनकी ओर खींचा है। पेश है अंग्रेजी की युवा उपन्यासकार ( Novelist) तन्वी व्यास ( Tanvi vyas) से हुई बातचीत ( interview ) के संपादित अंश:
पत्रिका -आपकी नजर में एक अच्छे नॉविल में क्या होना चाहिए? तन्वी : मैं समझती हूँ हर नॉवल या यूं कहें हर साहित्य आरंभ में एक अक्षर से ही शुरू होता है और उस पहले अक्षर में उस साहित्यकार की वो सभी भावनाएं होती हैं और यदि वो साहित्यकार उन भावनाओ को प्रकट कर सके, वही एक अच्छा नॉवल है।
पत्रिका -आपने साहित्य की भाषा अंग्रेजी चुनी, इसका क्या कारण रहा?
तन्वी : जहां तक मैं समझती हूं, साहित्य अभिव्यक्ति का एक माध्यम है और अभिव्यक्ति चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, मैं समझती हूं उस से साहित्य की गहराई में कुछ ज्यादा फर्क नही पड़ता।
पत्रिका : आप साहित्य में किस साहित्यकार को अपना आदर्श मानती हैं? आपके प्रेरक कौन हैं?
तन्वी : मेरा यह मानना है कि साहित्य और साहित्यकार की कल्पनाएं अत्यधिक गहरी होती हैं। अत: मुझे तो प्रत्येक वह व्यक्ति, जिसमें मुझे साहित्य जैसी कोई प्रेरणा मिलती है, मेरी नजर में वह मेरे लिए एक प्रेरणादायक साहित्यकार होता है।
पत्रिका : आपने साहित्य में गद्य को क्यों चुना? पद्य क्यों नहीं? इसकी क्या वजह रही?
तन्वी : मेरी जो शैली है, वह वास्तव में एक प्रेम भावना , परिवार भावना , सामाजिक अवधारणा इन सभी विषयों को एक साथ लेकर चलती है, जिसे मुझे लगता है कि मैं पद्य के बजाय गद्य में अधिक आसानी से समझ और समझा पाती हूं।
पत्रिका : फिक्शन के प्रति रुझान और कहानियों के बारे में आपका क्या कहना है?
तन्वी : मेरी शैली फिक्शन की तरफ अधिक झुकाव रखती है और इसके अलावा मेरी कहानियां पूरी तरह से काल्पनिक ना हो कर वास्तविकता के भी इर्दगिर्द रहती हैं।
पत्रिका : पोस्ट मॉडर्न इंग्लिश लिटरेचर में इंडियन इंग्लिश राइटर्स को कहां खड़ा पाती हैं?
तन्वी : मेरा मानना है कि, भारत में अब हम उस काल में है जहाँ इंग्लिश लिटरेचर और इंडियन इंग्लिश राइटर्स के लिए एक बहुत ही मजबूत स्थान बनता जा रहा है।
पत्रिका : राजस्थान में क्रिएटिव इंग्लिश राइटिंग का क्या भविष्य है?
तन्वी : राजस्थान वो राज्य है जहां हर क्षेत्र में युवा प्रतिभाएं उभरती जा रही हैं और उन्हीं में से क्रिएटिव इंग्लिश राइटिंग भी एक है जिसका भविष्य बहुत ही सुनहरा दिख रहा है।
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