जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने केंद्र सरकार से किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है. मुफ्ती ने केंद्र शासित प्रदेश के पुंछ जिले में पत्रकारों से बात करते हुए यह बात कही.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान भारत में नहीं, बल्कि अफगानिस्तान में है. सरकार का फोकस किसानों के मुद्दे होने चाहिए. पुंछ के सूरनकोटे इलाके में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, ”पिछले कई महीनों से किसान धरने पर बैठे हुए हैं. सरकार का मुख्य फोकस किसानों के मुद्दे पर होना चाहिए.
मालूम हो कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में किसान कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन समय-समय पर तेज होता रहता है.
किसानों की मांग सरकार से कानूनों को रद्द करने, एमएसपी पर कानून बनाने समेत अन्य हैं. किसानों ने कुछ महीने पहले हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के पक्ष में वोट न डालने की अपील की थी. इसके बाद अब यूपी, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए भी किसानों ने कमर कस ली है. पांच सितंबर को किसानों ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई थी, जिसमें बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हुए थे.
किसान आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा के साथ-साथ भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी कर रहे हैं. किसान नेता आंदोलन को गांवों-गांवों में ले जा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने हरियाणा के करनाल जिले में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सभा का विरोध किया था, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ गया था.
The post तालिबान और मोदी सरकार को लेकर आया महबूबा मुफ्ती का बयान appeared first on THOUGHT OF NATION.
श्रीमाधोपुर/सीकर. राजस्थान के सीकर जिला के श्रीमाधोपुर इलाके के नांगल भीम गांव में पानी के…
सीकर.प्रदेश के बेरोजगारों के लिए राहतभरी खबर है। अगले साल से बेरोजगारों को अब…
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) एक के बाद एक कई सवालों के घेरे…
सीकर. कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन आने के बाद केन्द्र के साथ ही प्रदेश सरकार…
सीकर. 36 दिन में रीट का परिणाम जारी कर अपनी पीठ थपथपाने वाले राजस्थान माध्यमिक…
सीकर. फर्जीवाड़े के लिए लोग कुछ भी कर सकते हैं। सहयोग के नाम पर कर्ज…