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पत्रिका लगातार : बाहर के जालसाजों ने प्रदेश में बिछाया जाल

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आशीष जोशीसीकर. बाहरी राज्यों के जालसाजों ने प्रदेश में ऑनलाइन ठगी का जाल फैला रखा है। ज्यादातर केस में ठगों के तार यूपी, पश्चिमी बंगाल, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली से जुड़ते हैं। वर्ष 2020 में ऑनलाइन आर्थिक ठगी के कुल 577 मामले ऐसे थे, जिनमें जालसाल राजस्थान के बाहर के थे। इनमें महज 88 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। केवल 25 मामलों में चालान पेश किया जा सका, 336 केस में एफआर लगा दी गई। वहीं पिछले साल 374 मामलों में आरोपी प्रदेश के निवासी थे। इसमें से 218 मामलों में पुलिस ने एफआर लगाई जबकि केवल 46 मामलों में चालान पेश किया गया। प्रदेश में साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान 9वें स्थान पर है। यूपी पहले स्थान पर है। अब साइबर ठगी के नए तरह के मामले सामने आ रहे हैं। ठगों ने कोरोनाकाल में जरूरतमंदों की सेवा के नाम पर, रिलीफ फण्ड के नाम पर कई तरीकों से ठगी की। जिस तरह से आमजन जागरूक होकर ठगी से बचने के प्रयास करता है, ये ठग नए तरीके निकालकर ठगी करने लगते हैं। जिसे लोग नहीं समझ पाते और ठगी का शिकार हो जाते हैं। अब क्यूआर कोड के जरिए ठगी करने का नया चलन सामने आया है। क्यूआर कोड से अकाउंट खाली करने की घटनाएं हैरान करने वाली है। ऑनलाइन पेमेंट करने और किसी वेबसाइट से सामान खरीदते वक्त इस तरह के फ्रॉड किए जा रहे हैं।
कैसे होती है क्यूआर कोड से ठगीक्यूआर कोड से ठगी उन मामलों में ज्यादा हो रही है, जब किसी यूजर को पेमेंट हासिल करना होता है। जैसे किसी व्यक्ति से आपको कोई पेमेंट लेना है तो वह आपको पेमेंट भेजते समय धोखा कर सकता है। आपको पेमेंट भेजने वाला व्यक्ति सेंड की जगह रिक्वेस्ट का क्यूआर कोड भेज देता है। आपके खाते में पैसे आने की बजाए निकल जाते हैं।
ऐसे बचें इस तरह की ठगी सेइस तरह की ठगी की वारदात से बचने के लिए जरूरी है कि आप यूपीआइ एप का इस्तेमाल सावधानी से करें। आपके पास जो भी कोड आ रहा है उसके साथ के मैसेज को ध्यान से पढें़। अगर उसमें आपसे रुपए मांगे गए हैं यानि रिक्वेस्ट की गई है तो पेमेंट ना करें।
इन 2 मामलों से सबझें साइबर ठगी और सतर्क रहें
केस 1 : क्यूआर कोड स्कैन से ठगीजयपुर के जवाहर सर्किल थाने में एक वृद्धा ने क्यूआर कोड के जरिए ठगी का मामला दर्ज कराया था। उसने बताया कि एक व्यक्ति ने फौजी बनकर कॉल किया था। पोस्टिंग जयपुर में होना बताया। इसके बाद उसने एक क्यूआर कोड भेजा। जैसे ही क्यूआर कोड स्कैन किया तो खाते से रुपए कट गए।
केस 2 : पुराने सिम से लिंक वॉलेट एप के जरिएजयपुर ग्रामीण पुलिस ने कुछ माह पूर्व बड़ी गैंग को पकड़ा था। यह गैंग बंद हुई पुराने मोबाइल सिम के नंबरों को खोजकर उनसे लिंक वॉलेट एप के जरिए साइबर क्राइम को अंजाम देते थे। गैंग में इंजीनीयरिंग किए हुए कई युवा शामिल हैं।
155260 करें डायल साइबर ठगी के मामलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। टोल फ्री नम्बर 155260 जारी होने के बाद लोग भी जागरूक होकर तुरंत शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। तत्काल शिकायत दर्ज करवाने से पीडि़त आर्थिक नुकसान से बच सकते हैं।मोहेश चौधरी, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, जयपुर

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