Seen this in movies…changing as the principal of the school
-विद्यालय विकास के लिए दिया एक माह का वेतन-भामाशाहों व शिक्षकों की मदद से बदल रहे विद्यालय की काया
सीकर. मन में कुछ करने का जुनून हो तो परिस्थितियां भी अपने अनुकूल हो जाती है। त्याग, समर्पण और सहभागिता से सारे काम आसान हो जाते है। जिस काम को करने की ठान लें तो सभी की भागीदारी से कार्य संवर जाते है। यह करके दिखाया है सीकर जिले में स्थित टोडा गांव के महात्मा गोविंद दास राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. सुरेश कुमार मीणा ने। प्रधानाचार्य डॉ. मीणा ने इसी विद्यालय में शिक्षा पाई और अब इसी के प्रधानाचार्य बनकर विद्यालय की सूरत और सीरत बदल रहे है। डॉ. मीणा ने जब इस विद्यालय में प्रधानाचार्य पद पर कार्यग्रहण किया तब पूरा भवन बदसूरत सा था। इसके साथ ही विद्यालय में मां सरस्वती का मंदिर भी नहीं था। इन्होंने विद्यालय भवन के रंगरोगन व मां सरस्वती के मंदिर सहित अन्य कई कार्य करने की मन में ठानी और पूरे विद्यालय परिवार सहित भामाशाहों के सहयोग से कायापलट दी। वहीं विद्यालय के शिक्षक सुरेंद्र सिंह शेखावत व बलवीर वर्मा भी इसी विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और इसके चहुंमुखी विकास में अपना योगदान दे रहे है। विद्यालय के अन्य शिक्षक भी अपने सामथ्र्यानुसार अपना सहयोग कर रहे है। शिक्षक शेखावत को मूल निवास श्रीमाधोपुर के पास बागरियावास है, लेकिन इन्होंने इसी विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। पहले बाडमेर में शिक्षक बने जहां से तबादला हुआ और अब जिस विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की उसी में कार्यरत है। शिक्षक शेखावत का भामाशाहों को प्रेरित करने तथा बलवीर वर्मा का अध्यापन के साथ कार्यलय कार्य में अहम योगदान है।
शुरूआत अपने से कीप्रधानाचार्य डॉ. मीणा ने विद्यालय की सूरत बदलने की शुरूआत अपने से की। इन्होंने विद्यालय विकास के लिए अपने एक माह का पूरा वेतन भेंट किया। इसके बाद धीरे-धीरे शिक्षकों सहित भामाशाहों का कारवां जुड़ता गया और विद्यालय भवन की सूरत बदल दी।
1989-1994 तक इस विद्यालय में पाई शिक्षाप्रधानाचार्य डॉ. मीणा ने इस विद्यालय में 1989 में कक्षा 6 में प्रवेश लिया और 1994 में 10वीं पास की। इसके बाद 2010 में व्याख्याता पद चयन हुआ। 2019 में पदोन्नत हुए। जिस विद्यालय में अध्ययन किया उसी में तबादला हुआ और अक्टूबर 2019 से तन, मन के साथ धन से भी विद्यालय में अपनी सेवा दे रहे।
विद्यालय समय के बाद भी करते है कामप्रधानाचार्य डॉ. मीणा विद्यालय समय के बाद भी कार्यालय में काम करते है। वहीं अवकाश के दिन जरूरी कार्य होता है तब भी काम करने के लिए विद्यालय पहुंच जाते है। वहीं विद्यालय के परीक्षा परिणाम के साथ नामांकन में भी बढ़ रहा है।
फिल्मों में देखा ऐसा! जिस सरकारी स्कूल में शिक्षा पाई, अब उसी के प्रिंसिपल बन बदल रहे सूरत
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