- Advertisement -
HomeRajasthan NewsSikar newsकिसानों के मुआवजे में तालमेल का अभाव

किसानों के मुआवजे में तालमेल का अभाव

- Advertisement -

सीकर. प्राकृतिक आपदा के बीच किसानो को सुरक्षित करने वाली फसल बीमा योजना के तहत इस बार जिले में किसानों और फसल बीमा कंपनी के बीच तालमेल का अभाव रहा है। इसकी बानगी है कि जिले में ओलावृष्टि के तीन दिन बाद भी महज 121 किसानों ने नुकसान के लिए बीमा कंपनी को सर्वे के लिए आवेदन किया है। जबकि जिले में आठ व नौ मार्च को ओलावृष्टि के कारण जिले के 11 गांव में रबी की फसलों में 2704 हेक्टेयर में नुकसान का प्राथमिक आकलन किया गया। फसल बीमा के दायरे में आने वाले नुकसान प्रभावित क्षेत्रों में बीमित किसान को 72 घंटे में नुकसान की सूचना देनी होती है। इसके लिए किसान बीमा कपंनी के टोल फ्री नम्बर, संबंधित कृषि विभाग या बीमा करने वाले बैंक को सूचना दे सकता है। इसके बाद ही सर्वे होता है। गौरतलब है कि ओलावृष्टि के दौरान चीपलाटा, लादिया, भारूपुरा, सकराय, भोजमेड, सैदाला भगवानपुरा, करडका, झाडली, खिरोटी, कासरड़ा में गेहूं, जौ, चना, सरसों सहित अन्य फसलों में नुकसान हुआ था। इसलिए स्पष्ट नहीं होती स्थितिफसल बीमा के दायरे में आने वाले खेत का नुकसान होने के फौरन बाद सर्वे होने पर सही स्थिति सामने आती है जबकि सर्वे ही शुरू नहीं हो सका है। लेकिन पिछले कई दिन से मौसम बिगडने के कारण किसान तेजी से फसलों की थ्रेसिंग करवाने में लगे हुए हैं। बीमित किसानो के अनुसार आमतौर पर फसल बीमा कंपनी के अधिकारी फसल कटाई के रेंडम प्रयोग के दौरान ही संबंधित क्षेत्र में आते हैं। यही कारण है कि संबंधित इलाके में औसत उपज से कम होने पर ही मुआवजा दिया जाता है जबकि व्यक्तिगत रूप से किसान को प्राकृतिक आपदा के नुकसान को झेलना पड़ता है। अब 14 दिन तक कर सकता है आवेदन बेमौसम बारिश या ओला वृस्टि से फसल खराब होने पर, सूखा, बाढ़, जलप्लावन, भू स्खलन, प्राकृतिक आग, आकाशीय बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, आंधी सहित अन्य आपदा की स्थिति में फसल कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए रखी गई फसल का नुकसान भी बीमा के दायरे में आता है। ऐसे में किसान संबंधित बैंक या बीमा कंपनी को सात कार्य दिवस के अंदर ऑफलाइन सूचना देकर मुआवजे के लिए आवेदन कर सकता है। सुधेश पूनिया, कृषि प्रबंधक

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -