Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home/wpexgrjf/aajkalrajasthan.com/wp-includes/class-requests.php on line 24
क्या BJP के अंदर वही होने वाला है जिसका डर था? | Aajkal Rajasthan ga('create', "UA-121947415-2", { 'cookieDomain': 'aajkalrajasthan.com','allowLinker': true } ); ga('linker:autoLink', ['aajkalrajasthan.com/amp']);

क्या BJP के अंदर वही होने वाला है जिसका डर था?

राजनीति के स्वघोषित चाणक्य अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार चुनावी जीत को अंजाम दे रही थी पिछले 7 सालों से. पिछले 7 सालों में भाजपा ने छोटे बड़े सभी चुनाव आसानी से जीत लिया. कुछ राज्यों में हार भी हुई, लेकिन उस पर चर्चा नहीं हुई. चर्चा सिर्फ जीत की हुई, प्रधानमंत्री मोदी की हुई, अमित शाह की हुई.
देश पर लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही थी और इसी बीच भाजपा एक के बाद एक चुनाव जीत रही थी. मीडिया में कांग्रेस की आलोचना हो रही थी और बीजेपी की तारीफ हो रही थी. कांग्रेस जनता के मुद्दे उठाकर भी चुनाव हार रही थी, बीजेपी नाकामियों के पहाड़ पर खड़े होकर भी चुनाव जीत रही थी.
पिछले 7 सालों में कांग्रेस के खिलाफ कोई बड़ा भ्रष्टाचार साबित नहीं हुआ फिर भी कांग्रेस को भ्रष्टाचारी बताया जा रहा था, लेकिन पिछले 7 सालों में भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगने के बाद एक की भी जांच ना होने के बावजूद बीजेपी शासन को रामराज्य बताया जा रहा था. पिछले 7 सालों से जनता के मुद्दों को दरकिनार करके मीडिया भाजपा की प्रचार एजेंसी बनी हुई है. सरकार से सवाल करना, प्रधानमंत्री से सवाल करना मीडिया भूल चुका है और इसी का लाभ भाजपा को मिल रहा है.
कांग्रेस को लेकर देखा जाता है और कहा भी जाता है कि, यहां कोई भी नेता बिना पार्टी आलाकमान से पूछे कुछ भी बयान दे देता है. पार्टी की अंदरूनी बातों को भी मीडिया के सामने कांग्रेस के नेता कई बार रख देते हैं. कांग्रेस की किरकिरी भी कई बार होती है, जब कांग्रेस के अंदर नेताओं के बीच आपसी मनमुटाव निकल कर सामने आता है. जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस अगर देश के अंदर लोकतंत्र की बात करती है तो खुद की पार्टी के अंदर भी लोकतंत्र को जीवित रखा हुआ है.
कांग्रेस पार्टी अगर देश के अंदर लोकतंत्र की बात करती है तो उसने लोकतंत्र को अपनी पार्टी के अंदर भी जिंदा रखा हुआ है. असहमतियों को कुचला नहीं जाता है कांग्रेस के अंदर. कांग्रेस के अंदर विरोध के स्वरों को भी सुना जाता है, कांग्रेस के अंदर नेताओं के मन में इस बात का डर नहीं है कि अगर हम कुछ बयान देंगे तो पार्टी से निकाल दिया जाएगा या फिर कार्यवाही कर दी जाएगी, इसीलिए नेता खुलकर गलत और सही बातों पर अपने विचार रखते रहते हैं. और यह किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र में होना चाहिए. किसी भी राजनीतिक दल के अंदर भी इस तरीके का लोकतंत्र होना चाहिए.
भाजपा का किला दरकने लगा है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को चुनौती देने वाला पिछले 7 साल में भाजपा के अंदर कोई दूर-दूर तक दिखाई नहीं दिया है. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक अपवाद जरूर है. वसुंधरा राजे की राजनीति हमेशा उनकी शर्तों पर रही है, चाहे वह प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की जोड़ी के पहले की बात हो या फिर इन दोनों के आने के बाद की बात हो, वसुंधरा राजे कभी झुकी नहीं. वसुंधरा राजे को दरकिनार करने की कोशिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तरफ से बहुत हुई. लेकिन आज भी वह बीजेपी की तरफ से राजस्थान की राजनीति का सबसे बड़ा नाम है.
पिछले 7 सालों में वसुंधरा राजे सिंधिया के बाद प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की जोड़ी को कोई चुनौती देता हुआ और आंख में आंख डालकर बात करता हुआ दिखाई दे रहा है तो वह है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के फैसलों को कोई चुनौती देता हुआ दिखाई दे रहा है तो वह है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. कयास लगाए जा रहे थे कि जिस तरीके से उत्तर प्रदेश सरकार की किरकिरी हुई है महामारी के दौर में, उसको देखकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चिंतित है और उत्तर प्रदेश को लेकर कुछ कड़े फैसले ले सकता है, योगी आदित्यनाथ के पर कतरे जा सकते हैं. लेकिन ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है.
कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना था कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पर कतरे जा सकते हैं या फिर उन्हें हटाया जा सकता है. लेकिन फिलहाल की स्थिति में योगी आदित्यनाथ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं. योगी आदित्यनाथ बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के फैसलों से इतर हटकर अपनी खुद की जिद के दम पर सरकार चला रहे हैं. योगी आदित्यनाथ से खुश उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री भी नहीं है, उत्तर प्रदेश भाजपा के नेता भी नहीं है. उत्तर प्रदेश भाजपा में जो कुछ भी चल रहा है अगर योगी आदित्यनाथ की जगह कोई दूसरा नेता होता कोई दूसरा मुख्यमंत्री होता तो भाजपा अभी तक बदल चुकी होती.
कांग्रेस से ठीक उलट बीजेपी में लोकतंत्र के लिए कोई भी जगह दिखाई नहीं देती. बीजेपी के अंदर कोई भी नेता, चाहे वह छोटा हो या बड़ा या फिर किसी राज्य का मुख्यमंत्री ही क्यों ना हो, बिना बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से पूछे किसी भी मुद्दे पर अपनी निष्पक्ष राय रखता हुआ भी दिखाई नहीं देता. बीजेपी के नेताओं के बयानों को सुनकर या बीजेपी की गतिविधियों को देखकर हमेशा यह लगता है कि बीजेपी के अंदर लोकतंत्र नहीं है, यहां अपने विचार खुलकर रखने की आजादी नहीं है. चाहे वह किसी राज्य का मुख्यमंत्री ही क्यों ना हो, केंद्रीय नेतृत्व से उलट अपनी राय नहीं रख सकता.
कई राजनीतिक विश्लेषकों का यह मानना है कि जिस तरीके से भाजपा के अंदर विरोध के सूर दबी आवाज में उठ रहे हैं, अगर यह बड़े पैमाने पर हुआ तो भाजपा का किला भरभरा कर गिर जाएगा. योगी आदित्यनाथ की नीतियों से भाजपा के उत्तर प्रदेश के नेता और मंत्री परेशान तो है ही लेकिन वह योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खुलकर आवाज नहीं उठा सकते वह इंतजार कर रहे हैं कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कुछ कड़े फैसले ले. लेकिन जो कुछ भी दिखाई दे रहा है उससे यही पता चलता है कि, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चाह कर भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कड़े फैसले नहीं लेना चाहता.
संभवत यही हालत पूरी बीजेपी के अंदर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की नीतियों से बीजेपी के अंदर भी खलबली मची हुई है. बीजेपी के कई बड़े नेता आज विरोध करना चाहते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का, बीजेपी के अंदर. लेकिन वह चाह कर भी कुछ नहीं बोल पा रहे हैं. बीजेपी आज सिर्फ दो लोगों की पार्टी बनकर रह गई है. लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि बीजेपी में अब विरोध के सुर दबे स्वर में उठने लगे हैं. ऐसा लग रहा है मानो तमाम बीजेपी के नेता इस इंतजार में है कि कोई तो विरोध करें. लेकिन शुरुआत वह खुद नहीं करना चाहते, बस इंतजार में है.
The post क्या BJP के अंदर वही होने वाला है जिसका डर था? appeared first on THOUGHT OF NATION.

Aajkal Rajasthan

Share
Published by
Aajkal Rajasthan

Recent Posts

शादी से एक दिन पहले पानी के टैंकर को लेकर हुई चाकूबाजी में दुल्हा गंभीर घायल

श्रीमाधोपुर/सीकर. राजस्थान के सीकर जिला के श्रीमाधोपुर इलाके के नांगल भीम गांव में पानी के…

2 years ago

अब बेरोजगारों को हर महीने भत्ते के मिलेंगे चार हजार

  सीकर.प्रदेश के बेरोजगारों के लिए राहतभरी खबर है। अगले साल से बेरोजगारों को अब…

2 years ago

रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह का यूपी सरकार पर तंज

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) एक के बाद एक कई सवालों के घेरे…

2 years ago

कोरोना: तीसरी लहर संभावित, तैयारियां अधरझूल !

सीकर. कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन आने के बाद केन्द्र के साथ ही प्रदेश सरकार…

2 years ago

रीट आंसर की में बदलाव: बदलेगा मेरिट का गणित, किसी के धकधक, कई दौड़ में शामिल

सीकर. 36 दिन में रीट का परिणाम जारी कर अपनी पीठ थपथपाने वाले राजस्थान माध्यमिक…

2 years ago

बैंक में दूसरे का पट्टा रखकर उठाया 40 लाख का लोन, चीफ मैनेजर सहित दो को पांच वर्ष की सजा

सीकर. फर्जीवाड़े के लिए लोग कुछ भी कर सकते हैं। सहयोग के नाम पर कर्ज…

2 years ago