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आज ही के दिन 2018 में SHO कानूनगो व Constable हत्याकांड से दहल उठा था राजस्थान

विक्रम सिंह सोलंकी, सीकर.
एक साल पहले आज ही के दिन फतेहपुर में जघन्य कांड हुआ। दर्द से पूरा राजस्थान कांप उठा। बदमाशों ने फतेहपुर थानाधिकारी मुकेश कानूनगो ( SHO Mukesh Kanungo ) व सिपाही रामप्रकाश ( Constable Ramprakash ) की हत्या ( Fatehpur SHO & Constable Murdered Case ) कर दी। पूरा पुलिस प्रशासन सदमे में आ गया। आखिरकार SOG और Police ने खाना-पीना भूल गई। पुलिस टीम ने एकजुटता दिखाकर मुस्तैदी से बदमाशों को मुंबई, पूना सहित अलग-अलग जगहों से पकड़ लिया गया। फतेहपुर में हुए इंस्पेक्टर मुकेश कानूनगो व सिपाही रामप्रकाश हत्याकांड में शामिल रहे बदमाश अजय चौधरी, जगदीप धनकड़, दिनेश उर्फ लारा, ओमप्रकाश, कैलाश नागौरी सहित अन्य बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था।
हालांकि अभी तक आरोपियों की जमानत नहीं हो सकी है। पुलिस ने बदमाशों को शरण देने वालों को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था जिन्हें कुछ दिनों बाद जमानत मिल गई है। जांचधिकारी एएसपी वीर सिंह ने काफी मजबूत चार्जशीट पेश करते हुए अहम साक्ष्य और गवाह बनाए है। फतेहपुर एडीजी कोर्ट में ट्रायल शुरू हो चुका है। राजस्थान पत्रिका ने चार्जशीट से काफी अहम जानकारी मिली। हत्याकांड में शामिल रहे कैलाश नागौरी ने घटना को लेकर अहम तथ्य बताएं।कोर्ट में एक साल में एक भी गवाह के नहीं हुए बयान फतेहपुर एडीजी कोर्ट में इंस्पेक्टर मुकेश कानूगो व सिपाही रामप्रकाश हत्याकांड की सुनवाई चल रही है। कोर्ट में प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है। एक साल में कोर्ट में एक भी गवाह के बयान नहीं हो सके है और न ही साक्ष्य पेश हो सके है। अभी तक सभी आरोपियों पर केवल चार्ज लगाया गया है। एएसपी वीर सिंह ने मामले की जांच कर जनवरी में चालान कोर्ट में पेश कर दिया था। पुलिस ने काफी मजबूत चार्जशीट पेश करते हुए अहम साक्ष्य और गवाह बनाए है। अब कोर्ट में आगामी 9 अक्टूबर 2019 को सुनवाई होगी। धीमी सुनवाई से पुलिसकर्मियों और मृतकों के परिजन भी मायूस है।
दिनेश पंचर की दुकान पर व कैलाश के पिता ईंट भट्टे पर काम करतेआठवीं कक्षा तक फतेहपुर में पढ़े कैलाश नागौरी ने बताया कि आशीर्वाद चौराहे पर उसके पिता इंटे बेचने का काम करते है। 6 अक्टूबर की शाम को घर पर था। आठ बजे दिनेश लारा आकर बालाजी धर्मकांटे पर ले गया। दिनेश धर्मकांटे पर टायर टयूब की दुकान है। वह बिना नंबर बाइक पर चले गए। वहां पर मोती पैलेस होटल है। उसमें प्रदीप माली व मुकेश माली काम करते है। उन्होंने प्रदीप को कांटे पर बुलाया। प्रदीप को पांच सौ रुपए देकर ठेके से चार बीयर मंगवाई। दिनेश, कैलाश व प्रदीप ने चारों बीयर पी। वे रोजाना कांटे पर ही बीयर पीते थे। बीयर पीने के बाद दिनेश ने कहा कि मुझे चिकन खाने का मन है, तुम दोनों बैठों। वह आरके चिकन होटल पर चला गया। तब कैलाश ने प्रदीप को तीन सौ रुपए देकर दो बीयर मंगवाई। चुंगी पर बैठकर दोनों ने बीयर पी। रात को करीब 12 बजे अजय चौधरी ने व्हाट्सअप काल किया। उसने कहा कि लारा के साथ बस स्टैंड पर खेत में छुपकर बैठे है। गोकलिया के साथ फायरिंग हो गई।
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भागने के बाद पंप पर तेल डलवायाफायरिंग के बाद कैलाश दोनों को बाइक पर साथ ले गया। वे मरडाटू, रोरू, बादूसर,बगड़ी होते लक्ष्मणगढ़ हाइवे पर आए। वहां पंप पर तेल डलवाया और टोल के पास हाइवे पर चाय-सिगरेट लेकर पी। भढाढर बाइपास से होते हुए धोद चौराहे पहुंचे। वहां से बाजार में होते हुए सीकर आए। रेलवे लाइन के पास करीब तीन बजे अजय को छोड़ा। पुलिस को सीकर में देखा तो छिपते हुए वापस फतेहपुर आए। बाइक व सरिए को छुपाया। एक दोस्त के पास गए और इधर-उधर छिपते रहे। बाद में दोनों को पुलिस ने पकड़ लिया।हत्या करने के बाद कांटे पर गए, खाना खायाकैलाश ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उदनसर से पहले बाइक का इंडीकेटर जला कर इशारा किया। तब अजय और दिनेश लारा अंदर खेत में से निकल कर आए। वह बाइक पर फतेहपुर कस्बे में छतरियां स्टैंड होते हुए बेसवा पुलिया होते हुए फतेहपुर आकर सीधे कांटे पर पहुंचे। कैलाश ने उनसे पूछा कि क्या हो गया। तब वे बोले कि फतेहपुर से आते समय पुलिस वाले मिल गए। हमें रोकने का प्रयास किया तो फायरिंग हो गई। दो पुलिस वाले मर गए। वे बोले ठीक रहा हमारा काफी समय से पीछा कर रहे थे। कांटे आने पर उन्होंने प्रदीप को भेज कर होटल से खाना मंगवाया। तब दिनेश, अजय, कैलाश व प्रदीप ने कांटे पर खाना खाया। बाद में प्रदीप को घर भेज दिया। अजय ने उससे सीकर छोडऩे को बोला। तब कैलाश ने मुख्तियार फारूखी को सबक सिखाने के लिए कहा। तीनों ने उसके घर जाकर रात डेढ़ बजे फायरिंग कर डाली।
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दर्द: विभाग पेंशन भी शुरू नहीं करा सकासिपाही रामप्रकाश की पत्नी सुनीता अभी भी असहनीय दर्द को भुला नहीं पाई है। घर के एक कोने में अक्सर भूली बिसरी यादों को लेकर बैठी रहती है। वे बोली कि विभाग उनकी पेंशन भी शुरू नहीं करवा सका है। उन्होंने विभाग के काफी चक्कर लगाएं। पुलिस अधिकारियों ने हत्याकांड के दौरान स्पेशल पैकेज सहित कई बड़े-बड़े वादे किए थे। बच्चों की पढ़ाई व आनाजाना मुफ्त देने को कहा था। उन्हें नौकरी भी नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि उन्हें तभी चैन मिलेगा जब उसके पति के कातिलों को सख्त सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोर्ट की प्रक्रिया काफी धीरे चल रही है। पूरी सुनवाई नहीं हो सकी है। घटना के समय फास्टट्रेक कोर्ट में भेजने की बात हुई थी।

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