सीकर/कांवट. पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विवि की परीक्षा में गड़बड़ी का फिर नया मामला सामने आया है। इस बार बीए द्वितीय वर्ष की परीक्षा में हिंदी साहित्य का प्रश्न पत्र सिलेबस से बाहर का आने पर बवाल हो गया। जिसे लेकर कांवट सहित विभिन्न्न क्षेत्रों के परीक्षार्थियों ने विश्वविद्यालय पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान विद्यार्थियों ने बताया कि विवि की लापरवाही के चलते उन्हे बीए द्वितीय वर्ष के हिन्दी साहित्य के बजाय बीए बीएड (चार वर्षीय) के हिन्दी साहित्य के सिलेबस का पेपर दे दिया गया। गजब की बात यह है कि शेखावाटी विवि ने अभी तक बीए बीएड की तिथि व टाइम टेबल भी जारी नही किया है। सिलेबस के बाहर का पेपर मिलने से विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। परीक्षार्थियों ने बताया कि मंगलवार को बीए सेकेण्ड ईयर के हिन्दी साहित्य का द्वितीय पेपर की परीक्षा थी। परीक्षा में सिलेबस के बाहर के प्रश्न आने से विद्यार्थी असमंजस में पड़ गए। परीक्षार्थियों ने सेंटर पर परीक्षक को सिलेबस के बाहर का पेपर होने की बात कही। लेकिन परीक्षक ने भी पेपर में जितना आता है उतना करने की बात कहकर टरका दिया। बुधवार को काफी संख्या में विद्यार्थी एकत्र होकर विवि के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। कॉलेज संचालकों ने शेखावाटी विवि से संपर्क कर मामले की शिकायत भी की गई। लेकिन विवि से कोई संतोषप्रद जवाब नही मिला। परीक्षार्थियों का कहना है कि विवि हिन्दी साहित्य का पेपर दुबारा कराए या फिर इस पेपर में सभी को पास किया जाए।
यह बोले विशेषज्ञ:
मंगलवार को बीए सेकेण्ड ईयर की हिन्दी साहित्य के द्वितीय पेपर में 90 प्रतिशत से अधिक प्रश्न सिलेबस के बाहर से आए है। पेपर में आये प्रश्न 2018-19 के सिलेबस से आए है। विवि को दुरभाष से सिलेबस से बाहर से पेपर आने के मामले से अवगत करा दिया है। डॉ हंसराज चौहान प्रोफेसर, हिन्दी साहित्य राजकीय महाविद्यालय, होद
बीए सेकेण्ड ईयर के हिन्दी साहित्य का पेपर सिलेबस से बाहर से आने की जानकारी मिली है। मामले की जांच करवा रहे है। अगर सिलेबस से बाहर से पेपर आया है तो मामले में कमेटी गठित कर निर्णय लिया जाएगा। डॉ अरिंदम बासु परीक्षा नियंत्रक शेखावाटी विवि, सीकर
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