सीकर. धार्मिंक स्थलों के बिजली बिलों पर अतिरिक्त शुल्क में मिलने वाली छूट को लेकर निगम ने आरटीआई कार्यकर्ता को गलत जवाब भेजा। लेकिन जब आरटीआई कार्यकर्ता पीछे ही पड़ गया तो अजमेर विद्युत निगम अभियंताओं ने सही जानकारी दी। नियमों के अनुसार धार्मिक स्थलों को बिजली दर, उपभोक्ता सरचार्ज, वॉटर कंजरवेशन, नगरीय उपकर जैसे अतिरिक्त शुल्क में छूट मिलती है। लेकिन निगम ने आरटीआई के जवाब में लिखा कि अगर किसी उपखंड की ओर से इडी-डब्ल्यूसीसी और यूसी किसी धार्मिक पूजा स्थल से वसूल की गई है, तो उसे निश्चित समय अवधि में राज्य सरकार को जमा करा दिया जाता है। इसलिए वापसी संभव नहीं है।
अपील में निगम का बदला जवाब
नियमों का हवाला देते हुए आरटीआई कार्यकर्ता ने प्रथम अपील लगाई। तो जवाब बदलते हुए निगम ने संबंधित उपखंड कार्यालय की ओर से गलत वसूली पर अग्रिम कार्रवाई की बात कह दी। पहले अधीक्षक अभियंता व अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता के स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। लेकिन अपील के बाद एमडी के इस आदेश के बाद सहायक अभियंता कार्यालय स्तर पर ही अधिशेष प्रकरणों का निपटारा होगा।
७० लाख रुपए तक की हो चुकी वसूली
राजस्थान के सीकर जिले में सरकारी शिक्षक पद पर कार्यरत आरटीआई कार्यकर्ता बशीर अहमद की इस पहल पर करीब ७० लाख रुपए तक वसूली निगम की ओर से हो चुकी है। अहमद धार्मिक स्थलों से बिजली खर्च पर वसूली गई अतिरिक्त रकम वापस दिलाने का काम लंबे समय से कर रहे है। अपील में अहमद ने निगम को साफ लिखा था कि राज्य सरकार को जमा होने वाली राशि में से धार्मिंक पूजा स्थल उपभोक्ताओं को लौटाई जाने वाली ईडी, डब्ल्यूसीसी, यूसी राशि को कम कर लौटाया जा सकता है।
नियमों की अनदेखी कर वसूला शुल्क
पांच किलोवाट तक विद्युत भार वाले धार्मिक पूजा स्थलों को घरेलू श्रेणी में रखा गया है। जबकि निगम के अधीन उपखंड कार्यालयों की ओर से विद्युत उपभोग राशि वसूल की और डीएल श्रेणी में हो जाने के बाद भी जिन धार्मिक स्थलों से टैरिफ कोड लगाकर विद्युत उपभोग राशि व स्थाई सेवा शुल्क वसूला गया है।
धार्मिक पूजा स्थलों के बिलों के नियम
निगम की ओर से जारी नियमों के अनुसार ५ किलोवाट तक विद्युत भार वाले धार्मिक पूजा स्थलों को घरेलू श्रेणी में और इससे अधिक २५ किलोवाट तक के विद्युत भार वाले पूजा स्थलों को अघरेलु (वाणिज्यक) श्रेणी में ही रखा गया है। २५ किलोवाट विद्युत भार के धार्मिक पूजा स्थल को प्रतिमाह १०० यूनिट के उपभोग पर अघरेलु श्रेणी की दर की ५० प्रतिशत विद्युत खर्च राशि की छुट देने का प्रावधान है।
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