सीकर. कोरोना के कहर ने शहर से गांव-ढाणियों तक के हंसते-खेलते परिवारों में मातम पसरा दिया। इस मातम की गूंज जब अपनों तक पहुंची तो उनसे रहा नहीं गया। कोई अपने लोगों की मदद के लिए सात समन्दर पार से ऑक्सीजन मास्क तो कोई ऑक्सीजन कन्सटे्रटर भेजने में जुट गया। अपनों का ऐसा ही दर्द जब अहमदाबाद में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर महेन्द्र सांई ने अनुभव किया तो उन्होंने नौकरी से ही इस्तीफा दे दिया और कोरोना मरीजों की सेवा के लिए सीकर लौट आए। यहां उन्होंने चिकित्सा विभाग को निशुल्क सेवा देने का प्रस्ताव दिया। जो स्वीकार होने के बाद अब वे सांवली कोविड सेंटर में अपनी निशुल्क व नियमित सेवा दे रहे हैं। खास बात ये है कि वह पूरे दस से 12 घंटे मरीजों की सेवा में जुटे रहते हैं। जहां दवा से लेकर उनकी हर जरुरत व इच्छा का वे पूरा ख्याल रखते हैं। गौरतलब है कि महेन्द्र साईं का पिछले दिनों सीएचओ भर्ती में भी सफलता मिल चुकी है। हालांकि विभाग की ओर से अभी पदस्थापन आदेश जारी नहीं किए हंै।
मरीजों की सेवा से बढ़ा कोई पुण्य नहींमहेन्द्र सांई का कहना है कि मरीजों की सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। इसको ध्येय वाक्य मानकर ही वह नर्सिंग के प्रोफेशन में आए थे। उनका कहना है कि कोरोना के इस दौर में कई मरीज घबराए हुए थे। उनको दवा के साथ अच्छे बर्ताव की जरुरत है। ताकि उनका आत्मबल बढ़ाया जा सके। और यही काम वह सांवली कोविड सेंटर में करने का प्रयास कर रहे हैं।
वीडियो हुआ था वायरलमहेन्द्र साईं को पिछले सप्ताह सांवली कोविड सेंटर से ही एक वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसमें वह मरीजों की सार संभाल नहीं करने पर स्टाफ को ईमानदारी से ड्यूटी करने की बात कहते हुए नजर आए थे।
कई नर्सिंगकर्मी योद्धा बनने को तैयारजिले के कई नर्सिंगकर्मी कोरोना काल में चिकितसा विभाग को अपनी सेवाएं देना चाहते हैं। इस संबंध में बेरोजगार नर्सिंगकर्मियों ने जिला कलक्टर व जनप्रतिनिधियों तक अपनी बातचीत पहुंचाई है। उन्होंने सरकार से नर्सिंगकर्मियों की स्थाई भर्ती भी जल्द निकालने की बात कही है। ताकि स्वास्थ्य विभाग का ढांचा मजबूत हो सके। नर्सिंगकर्मियों ने इसके लिए मुख्यमंत्री को भी कई बार ज्ञापन भेजा है।
कोरोना पीडि़तों का दर्द देखा तो नौकरी छोड़ कोविड सेंटर में शुरू की निशुल्क सेवा
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