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दिवाली पर मिठाई खरीदने जा रहे है तो जरा ये खबर जरूर पढ़ लीजिए, कहीं हो ना जाए नुकसान !

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सीकर.
दीपावली पर मिलावटी मिठाई ( Adulterated Sweets ) की रोकथाम के लिए भले ही प्रदेश में खाद्य विभाग ( Food Department ) की ओर से अभियान चलाने का दावा किया जा रहा हो और प्रदेश के सभी जिलों में विभाग को रोजाना चार नमूने लेने का लक्ष्य दिया हो लेकिन हकीकत यह है कि जब तक इन नमूनो की जांच रिपोर्ट आएगी तब तक सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले में करीब 20 हजार किलो मावा खप जाएगा। इसके अलावा मिठाई विक्रेताओं की माने तो दीपावली पर खपत के लिहाज से बिना मिलावट किए इतना मावा तैयार ही नहीं हो सकता। यही कारण है कि मिठाई की दुकानों पर पिछले 15 से 20 दिन से लगातार मिठाई बनाने व मावा तैयार करने का काम हो रहा है और सभी लोगों को मिठाई मिल रही है।
यह है कारणप्रदेश में मिलावट की जांच के लिए तीन अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक दीपावली का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के सभी नमूनों को जांच के लिए जयपुर भेजा जाता है। प्रदेश में कुछ समय पहले सात नई लैब बनाए जाने की घोषणा की गई थी। इन लैब के शुरू नहीं होने से अभियान की रिपोर्ट आने में दो से ढाई माह तक लगने का अनुमान है। ऐसे में मिलावट पर रोकथाम का अभियान फौरी ही साबित होगा। सीकर जिले में पिछले तीन माह में 35 नमूने लिए गए हैं। और नीमकाथाना में ढाई क्विंटल मावा सुरक्षित होने पर नष्ट भी कराया जा चुका है। त्योहारी सीजन में हर बार डूंगरगढ़ व अलवर से मावा आता है। 15 किलो के टीन में रोजाना निजी बस व जीप के जरिए सीधे दुकानों तक आता है। खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार वहां से आने वाले में फैट की मात्रा कम होती है। यही कारण है कि यह मावा अमानक होता है। इधर पशुपालकों के अनुसार शहर की डिमांड पूरा करने के लिए जो मावा तैयार होता है उसमें क्रीम व फेट नहीं होती है। साथ ही इस मावे को तैयार करने के लिए गाय, भैंस, बकरी व ऊंटनी के दूध से तैयार किया जाता है।
क्या है नुकसानफिजिशियन डॉ. विवेक शुक्ला के अनुसार मावा में अगर जमने वाला तेल जैसा नारियल आदि की मिलावट हो रही हैं तो ऐसे तेल की वजह से हार्ट अटैक की संभावना अधिक होती है। अगर सरसों या अन्य किसी भी प्रकार के तेल को मिलाया जाता है।[MORE_ADVERTISE1][MORE_ADVERTISE2]खाद्य पदार्थों के नमूने लिए चिकित्सा विभाग की टीम ने गुरुवार को मिल्क केक, मावा, पनीर के नमूने लिए। नमूनों को जांच के लिए जयपुर भेजा गया। सीएमएचओ डा. अजय चौधरी ने बताया कि दीपावली को देखते हुए अभियान चलाया जा रहा है। टीम ने गुरुवार को अलवर स्वीट्स कलाकंद वाला पिपराली रोड सीकर से मिल्क केक, अग्रवाल मावा मिष्ठान भंडार स्टेशन रोड सीकर से मावा, प्रभु जी मिल्क प्रोडक्ट पुराना लोहारू रोड सीकर से पनीर एवं मावे का सैम्पल लिए।
सीकर जिले में 35 नमूने लिए जा चुके हैं। इन नमूनों को जांच के लिए जयपुर भेजा जाता है। कई बार नमूनों की रिपोर्ट मिलने में देरी हो जाती है। विभाग की ओर से समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाता है। त्योहारी सीजन में मावा के निर्माण और उत्पादों की जांच पर फोकस किया जाता है। विभाग की ओर से 30 अक्टूबर तक जांच अभियान चलाया जाएगा। -रतन गोदारा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, सीकर[MORE_ADVERTISE3]

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