निर्माण कार्य की स्वीकृति…रामगंजमंडी. कोटा व झालावाड़ को जोडऩे वाली जुल्मी सड़क से १० गांवों का सीधा संपर्क है। इसके अलावा लाइम स्टोन की झालावाड़ स्थित खदानों से पत्थर भरे वाहनों के साथ कृषि जिंस लेकर आने वाले काश्तकारों के लिए सबसे सुगम मार्ग है। इसके बावजूद सड़क के हालात बहुत ही खराब है। सड़क पर कई जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं जो वाहन चालकों के लिए मुसीबत का सबब बन चुके हैं। वर्तमान में हालात यह है कि छह किलोमीटर लंबी सड़क का करीब चार किमी का हिस्सा तय करने में भारी वाहन चालकों को आधा घंटे की कसरत करने को बाध्य कर रहा है।
इन गांवों का सीधा आवागमनइस सड़क मार्ग पर जुल्मी, नालोदिया, लखारिया, गादिया, हनोतिया, उदपुरिया, अमृतखेड़ी सहित 10 गांवों के लोगों का सीधा आवागमन है। राजस्थान व मध्यप्रदेश के साथ कोटा को झालावाड़ से यह सड़क जोड़ती है। काश्तकार रामगंजमंडी की कृषि उपज मंडी में जिंस बेचने झालावाड़ जिले सहित मध्यप्रदेश के दूरदराज से इसी सड़क से पहुंचते है। झालावाड़ जिले के पीपल्या, रूणजी, नहरावद क्षेत्र स्थित लाइम स्टोन की खदानों से कोटा स्टोन भरकर भारी वाहनों की आवाजाही भी इसी मार्ग से होती है।
दो किमी सड़क का हुआ था पुनर्निर्माण तत्कालीन विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल के प्रयास से रॉयल्टी सेंस की राशि से दो किमी सड़क का पुनर्निमाण हुआ था। भाजपा की सरकार ने 72 लाख रुपए की राशि सड़क निर्माण के लिए स्वीकृत की थी। प्रदेश में सता परिर्वतन हुआ तो स्वीकृत्त सड़कों के सरकार ने प्रपोजल मंगाए। मगर इस सड़क का निर्माण चालू नहीं होने से आगे निर्माण की स्वीकृति नहीं दी। गोविंद गोशाला नालोदिया से गाडिय़ा लुहार चौराहा तक लगभग चार किमी की सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त है।
निर्माण विभाग की ये है योजनाजुल्मी सड़क का चार किलोमीटर का हिस्सा डामरीकृत है। सड़क अक्सर बारिश में क्षतिग्रस्त होती है। नई सड़क बनाने के बाद पांच से छह माह के अंतराल में इसमें गड्ढे हो जाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर निर्माण विभाग इस सड़क को सीमेंट सड़क में तब्दील करने की योजना बना चुका है। इसके तहत टुकड़े-टुकड़े में चार किलोमीटर की इस समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा।
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