सीकर. क्या प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को सीधे लेबर रूम में लेने की बजाय परिजनों को पहले पर्ची बनाने जैसी कागजी औपचारिकताओं में उलझाना मानवीयता है…? शहर के सबसे बड़े राजकीय जनाना अस्पताल में शनिवार को बदइंतजामी में महिला का प्रसव कराने के लिए परिजनों के मजबूर होने के मामले ने यह सवाल खड़ा किया है। दरअसल, शहर के वार्ड 11 की दीपिका को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे टैक्सी में लेकर जनाना अस्पताल के लिए रवाना हुए। बकौल परिजन हेमराज, रास्ते में सड़क पर गड्ढों और फिर जाम के कारण अस्पताल पहुंचने में देरी हो गई। गर्भवती का दर्द बढ़ता गया और शाम करीब चार बजे अस्पताल पहुंचते ही प्रसव पीड़ा तेज हो गई। बरामदे में वह कराहती रही, पहली मंजिल से स्टाफ देखता रहा…लेकिन किसी चिकित्साकर्मी ने उसे बिना देरी किए सीधे लेबर रूम में ले जाना मुनासिब नहीं समझा। परिजनों के हाथ-पैर फूल गए। वे परिसर में मौजूद स्टाफ से चिकित्सक को बुलाने की गुहार करने लगे, लेकिन वहां मौजूद स्टाफ पर्ची बनवाने की बात कहता रहा। मजबूरन, परिजनों ने गर्भवती को बरामदे में ही फर्श पर लेटाया और चारों तरफ खड़े होकर घेरा बनाकर साथ आई महिला ने प्रसव करवा दिया। प्रसव होने के बाद महिला नर्स मौके पर पहुंची और बच्चे को कॉर्ड पर क्लैम्प लगाया। इसके बाद ज”ाा-ब”ाा को पीएनसी वार्ड में भर्ती कराया। जहां दोनों स्वस्थ हैं।
रोजाना हो रहा ऐसाइधर, चिकित्सकों के अनुसार टूटी सड़कें और यातायात जाम रहने के कारण दूर दराज से आने वाली प्रसूताओं को समय से पहले प्रसव हो रहे हैं। बहुत सी प्रसूताएं अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चे को जन्म दे रही है।
डॉक्टर की नसीहत… गर्भवती को समय पूर्व अस्पताल लाएंप्रसव सामान्य था और देरी से आने के कारण पोर्च में प्रसव हो गया। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को पीएनसी वार्ड में भर्ती कराया। जहां दोनों की स्थिति में सुधार है। परिजनों को समय से पहले ही गर्भवती को अस्पताल लेकर आना चाहिए। जिससे किसी प्रकार की गंभीर या असामान्य स्थिति से बचा जा सके।
– डॉ. बीएल राड़, प्रभारी, जनाना अस्पताल नेहरू पार्क सीकर
LIVE VIDEO: चिकित्सकों ने नहीं संभाला तो परिजनों ने बरामदे में ही करवाया प्रसव
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