पाटन. पंचायत समिति क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल सुविधाओं के अभाव में खुद बीमार नजर आ रहा है। कस्बे तथा आसपास के गांवों के लगभग 50 हजार ग्रामीण उपचार के लिए कस्बे के सामुदायिक अस्पताल पर निर्भर है। अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा केंद्र जितनी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। यहां के डॉक्टर बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। अस्पताल में चिकित्सकों के 8 पद स्वीकृत हैं।
लेकिन, चार ही डॉक्टर हैं और इनमें ही विशेषज्ञ कोई नहीं है। नवनिर्मित ऑपरेशन थिएटर कई वर्षों से धूल फांक रहा है। इस थिएटर में परिवार नियोजन के ऑपरेशन के अलावा आज तक किसी अन्य बीमारी का कोई ऑपरेशन नहीं हुआ है। पत्रिका ने अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ विपिन स्वरूप द्वारा लिखी गई पर्चियों की जांच की वो सभी दवाएं बाहर की लिखी गई। इस पर चिकित्सा प्रभारी ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है कि मैंने किस मरीज को कौन सी दवा बाहर की लिखी। हालांकि बाद में डॉक्टर पत्रिका से ही अपनी लिखी गई पर्ची की फोटो मांगने लगे।रेडियोग्राफर नहींरेडियोग्राफर का पद रिक्त होने से मरीजों को बाहर से एक्सरे करवाना पड़ता है। इसी तरह यहां फार्मासिस्ट का पद भी पिछले 1 वर्ष से रिक्त है। फार्मासिस्ट नहीं होने से डीडीसी काउंटर पर अप्रशिक्षित कर्मचारियों को बैठाकर उनसे दवा वितरण का कार्य करवाया जाता है जिससे मरीजों को पूरी दवा नहीं मिल पाती। कई बार गलत दवा दे देने से रोज डीडीसी पर मरीजों तथा कर्मचारियों के बीच नोकझोंक होती है। महिला चिकित्सक के मातृत्व अवकाश पर चले जाने से महिला मरीज परेशान हैं। कोटपूतली कुचामन स्टेट हाईवे पर स्थित कस्बे के इस अस्पताल में दुर्घटनाओं में घायल मरीजों को भी उचित उपचार नहीं मिल पाता। साथ ही गंभीर मरीजों को 25 किलोमीटर दूर नीमकाथाना तथा कोटपूतली रैफर कर दिया जाता है। कस्बे के ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजू सैनी ने इस संबंध में कई बार मुख्यमंत्री तथा चिकित्सा मंत्री को ज्ञापन भेजकर अस्पताल की सुविधाओं को सुचारू करने की मांग की है।
ठीकरिया में मौसमी बीमारियों से मरीज परेशान, आउटडोर 90 तकबावड़ी. ग्राम पंचायत ठीकरिया में पीएचसी में जुलाई से एलोपैथिक डॉक्टर का पद रिक्त है। ऐसे में मरीजों को रींगस, पलसाना निजी अस्पताल में जाना पड़ रहा है। पूर्व सरपंच कमला देवी बाजिया व पूर्व परियोजना अधिकारी बालमुकुनंद सिंह रूलानियां ने बताया कि मौसमी बीमारियों के चलते लोग परेशान हैं। वर्तमान में एक आयुष डॉ. सतीश कुमार मुदगल है। जानकारी के अनुसार ठीकरिया, शाहपुरा, सामोता का बास सहित अन्य गांवों का प्रतिदिन आउटडोर औसत 40 या फिर कभी कभी करीब 80- 90 औसत मरीजों का आउटडोर बढ़ जाता है। इतना ही पीएचसी के अन्तर्गत आठ उप स्वास्थ्य केन्द्र भी आते है। ग्रामीणों ने एलोपेथिक डॉक्टर की खण्डेला विधायक महादेव सिंह से मांग की है। इधर विधायक महादेव सिंह का कहना है कि ठीकरिया पीएचसी में जल्द ही चिकित्सक के रिक्त पद को भरा जायेगा। सीएमएचओ सीकर अजय चौधरी का कहना है कि रिक्त पद भरने के लिए लिखा गया है जल्द ही चिकित्सक उपलब्ध करवा दिया जायेगा।
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