रविन्द्र सिहं राठ़ौड़सीकर. शेखावाटी में बीएड कॉलेजों में सरकारी शिक्षक पढ़ा रहे हैं। हकीकत में भले ही वे कक्षाएं नहीं लेते हो, लेकिन दस्तावेजों में वही उन कॉलेजों में शिक्षक है। पंडित दीनदयाल शेखावाटी विवि की लापरवाही से इस तरह के फर्जीवाड़े की बेल अंचल में खूब फल फूल रही है। दरअसल विवि प्रशासन बीएड कॉलेजों में कार्यरत स्टाफ का अनुमोदन नहीं कर पा रहा है। इस वजह से कई निजी स्कूलों में स्टाफ की नियुक्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। इस चूक से जहां एक ही शिक्षक के दस्तावेज कई कॉलेजों में लगाए जा रहे हैं, वहीं कई बीएड कॉलेजों में तो सरकारी स्कूल के शिक्षकों को भी नियमित स्टाफ बता दिया गया। फिर विश्व विद्यालय बिना जांच-पड़ताल किए इनको मान्यता की अनुशंषा भी कर रहा है। ऐसे में पूरे विवि की व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। ताजा मामला झुंझुनूं के एक कॉलेज का सामने आया है। जिसमें सीकर जिले के एक सरकारी शिक्षकों को बीएड कॉलेज का संकाय सदस्य बताते हुए अनुमोदन करवा लिया। फिर कैसे बढ़ेगी शैक्षिक गुणवत्तामानव संसाधन मंत्रालय से लेकर कई सुधार कमेटी देशभर के शिक्षक प्रशिक्षण सहित अन्य कॉलेजों में कार्यरत स्टाफ के दस्तावेजों को आधार कार्ड से लिंक कराकर यूनिक आईडी देने को लेकर पहल करने की घोषणा कर चुकी है। लेकिन शेखावाटी यूनिक आईडी तो दूर स्टाफ का अनुमोदन ही नहीं कर पा रहा है। इससे विवि से संबद्धता प्राप्त इन बीएड कॉलेजों में अध्ययनरत 17500 विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।
लापरवाही का फायदा, चहेतों को जारी हो रहे अनुभव प्रमाण पत्रविवि की इस चूक का कई कॉलेजों की ओर से जमकर फायदा उठाया जा रहा है। स्टाफ अनुमोदन नहीं होने की वजह से कई कॉलेजों की ओर से चहेतों को मनमर्जी से अनुभव प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। यदि विवि की ओर से समय पर सभी कॉलेजों की स्टाफ सूची का अनुमोदन होता है तो इस तरह के फर्जीवाड़े पर रोक लग सकती है।
शिक्षक सरकारी स्कूल में, निजी कॉलेज ने भी लगा दिए दस्तावेजझुंझुनूं के एक कॉलेज के शैक्षणिक स्टाफ सदस्य महेश कुमार को स्टाफ अनुमोदन के हिसाब से स्टाफ बताया गया है। जबकि यह सीकर जिले के एक सरकारी स्कूल में सेवारत है। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर हर साल विवि से संबद्धता जारी हो रही है। विवि ने बिना किसी जांच के इस बार फिर 260 कॉलेजों के नाम की सूची पीटीइटी समन्वयक राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर को भेज दी। केवल तीन कॉलेज के नाम दस्तावेजों के अभाव में रोके गए हैं। इनमें चौधरी चरण सिंह, जगन और श्री गोपिक्रिशन पिरमल बीएड कॉलेज बगड़ का नाम शामिल है।
दस्तावेजों के आधार पर हर महीने उठा रहे फिक्स वेतनकई निजी कॉलेजों में कार्यरत स्टाफ के सदस्य डीपीएस सीबीएसई स्कूल में कार्यरत है। इसके अलावा कु छ सदस्य सीबीएसई की प्रतिष्ठित स्कूलों और कुछ राजस्थान के अन्य विश्वविद्यालयों में सेवारत है। दोहरे पदस्थापन वाले कॉलेजों में लंबे समय से फिक्स वेतन मिल रहा है। इससे भी विवि की मॉनिटरिंग सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे है।
लंबे समय से बिना संबद्धता के चल रहा कॉलेज
झुंझुनूं जिले के बगड़ में एक कॉलेज बिना किसी संम्बद्धता के संचालित हैं। शेखावाटी विवि से मिली जानकारी के अनुसार कॉलेज को पहले राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से संबंद्धता प्राप्त थी। लेकिन उसके बाद कॉलेज प्रशासन ने कभी भी संबद्धता के लिए शेखावाटी विवि में आवेदन नहीं किया। इसके बावजूद विवि ने दो बार एक साधारण पेपर पर संबद्धता की करने पर ही संबद्धता जारी की है।
इनका कहना है
इस मामले में कॉलेज प्रशासन का कहना है कि 30 जून 2021 को महेश कुमार ने त्याग पत्र दे दिया। उसके बाद महेश कुमार का कॉलेज से कोई संबद्ध नहीं हैं। दो-तीन साल पहले महेश कुमार ने कॉलेज में कार्यग्रहण किया था। वर्तमान में चार कॉलेजों ने अनुमोदन के लिए आवेदन किया है। 60 बीएड कॉलेजों के दस्तावेजों की सूची राजभवन भिजवा दी गई है। शेष कॉलेजों को रिमांडर इस बार भी भेज दिए गए है। लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा हैं।डॉ. रविंद्र कटेवा, संबंद्धता प्रभारी शेखावाटी विवि सीकर।
रजिस्ट्रार ही देंगे पूरी जानकारी: कुलपति
झुंझुनूं के एक टीटी कॉलेज से जुड़ा मामला काफी पुराना है, फाइल देखने के बाद ही कुछ बता सकते हैं। ऐसा कोई मामला है, तो जांच की जाएगी। आधार कार्ड से संकाय सदस्यों के रेकार्ड को ऑनलाइन करने सहित अन्य के बारे में रजिस्ट्रार ही पूरी जानकारी दे सकेंगे।प्रोफेसर डॉ. भगीरथ सिंह बिजारणियां, कुलपति, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विवि सीकर।
मैं सरकारी सेवा में नहीं हूं
मैं सरकारी सेवा में नहीं बल्कि संविदाकर्मी के रूप में कार्यरत हूं। कुछ समय पहले मैने नवलगढ़ झुंझुनूं के एक टीटी कॉलेज में काम किया। वर्तमान में बलारा स्कूल में संविदाकर्मी के रूप में कार्यरत हूं।महेश कुमार, व्याख्याता, बलारा राजकीय स्कूल
स्कूल में कार्यरत है महेश कुमार
महेश कुमार व्याख्याता के रूप में स्कूल में सेवारत है। बच्चों को फिजिक्स विषय पढ़ाते हैं। इससे पहले महेश कुमार डाइट में कार्यरत थे।कुलदीप कुल्हरी, प्रिंसीपल राजकीय सीनियर सैंकडऱी स्कूल बलारा लक्ष्मणगढ़
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